नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (Maldives’ newly elected President Mohammed Muizzu) के साथ शुक्रवार को एक सार्थक बैठक की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय मित्रता (Bilateral friendship in various fields) को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। भारत और मालदीव (India and Maldives) अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के लिए एक कोर समूह गठित करने पर सहमत भी हुए। कोर ग्रुप के गठन का निर्णय यहां सीओपी28 विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (COP28 World Climate Action Summit) के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच पहली बैठक में लिया गया।
बैठक के बाद मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”राष्ट्रपति मुइज्जू और मेरी आज एक सार्थक बैठक हुई। हमने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-मालदीव मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। हम अपने लोगों के लाभ के लिए सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने आर्थिक संबंधों, विकास सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों से संबंधित क्षेत्रों में भारत-मालदीव संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की। मुइज्जू मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के करीबी सहयोगी हैं। यामीन ने 2013 से 2018 तक राष्ट्रपति पद पर रहते हुए चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए। मुइज्जू (45) ने सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में भारत के करीबी मित्र माने जाने वाले इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को परास्त किया था।
मोदी ने मालदीव के राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने पर मुइज्जू को शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से बधाई दी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”दोनों नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव, विकास सहयोग, आर्थिक संबंध, जलवायु परिवर्तन और खेल सहित दोनों देशों के बीच व्यापक द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। बयान में कहा गया है, ”दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी को और प्रगाढ़ करने के तरीकों पर भी चर्चा की। इस संबंध में, वे एक कोर समूह गठित करने पर सहमत हुए।”
यह बैठक ऐसे समय हुई है जब राष्ट्रपति मुइज्जू ने कुछ ही दिन पहले, 77 भारतीय सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने का भारत से अनुरोध किया था और दोनों देशों के बीच 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा करने का निर्णय लिया था। मुइज्जू की ओर से यह अनुरोध तब किया गया जब भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू ने 18 नवंबर को नये राष्ट्रपति से उनके कार्यालय में शिष्टाचार मुलाकात की।
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के सागर (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और पड़ोसी प्रथम नीति के दृष्टिकोण में एक विशेष स्थान रखता है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि अपनी पार्टी की चीन समर्थक बयानबाजी के बावजूद, ब्रिटेन में शिक्षा हासिल करने वाले सिविल इंजीनियर मुइज्जू अधिक सूक्ष्म विदेश नीति का पालन कर सकते हैं, क्योंकि देश एक अनिश्चित अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है, जिसमें कई ऋणों का भुगतान बाकी है।
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