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    जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मिल सकते हैं PM मोदी, 24 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक

  • June 19, 2021

    डेस्‍क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 24 जून को जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के सभी राजनीतिक दलों (Political Parties) के साथ बैठक (Meeting) की अध्यक्षता कर सकते हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां यह जानकारी दी।

    जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने की केंद्र की पहल के तहत यह बैठक होनी है। यह बैठक केंद्र द्वारा अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन करने की घोषणा के बाद से इस तरह की पहली कवायद होगी। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य केंद्रीय नेताओं के भाग लेने की संभावना है।

    अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी (JKAP) के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन को चर्चा के लिए आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। महबूबा ने शुक्रवार रात को बताया कि उन्हें केंद्र से 24 जून को बैठक के लिए फोन आया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अभी फैसला नहीं किया है। मैं अपनी पार्टी के सदस्यों से चर्चा करके अंतिम फैसला लूंगी।’’

    ‘सार्थक जुड़ाव के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए’
    केंद्र के साथ बातचीत की संभावना के बारे में पूछे जाने पर, माकपा नेता और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (PAGD) के प्रवक्ता एम वाई तारिगामी ने कहा कि नई दिल्ली से कोई संदेश नहीं आया है, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा। तारिगामी ने कहा, ‘‘हमने केंद्र के साथ सार्थक जुड़ाव के लिए अपने दरवाजे कभी बंद नहीं किए हैं। हालांकि मुझे किसी बातचीत के बारे में कोई जानकारी नहीं है, अगर ऐसा होता है, तो इसका स्वागत किया जाएगा।’’


    पीएजीडी जम्मू कश्मीर में कुछ पार्टियों का गठबंधन है, जिसमें नेशनल कान्फ्रेंस और पीडीपी शामिल हैं, जो केंद्र के अगस्त 2019 के फैसलों के बाद बनाया गया था। जेकेएपी के अध्यक्ष बुखारी ने कहा, ‘‘मैं स्वागत करता हूं, अगर और कभी, बातचीत होती है। यह मार्च 2020 की हमारी स्थिति की पुष्टि करता है जब हमने यह स्पष्ट कर दिया था कि जम्मू कश्मीर के लिए लोकतंत्र और राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए संवाद ही एकमात्र तंत्र है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देर आये दुरुस्त आए क्योंकि हमारी सभी समस्याओं का समाधान नई दिल्ली के पास है और कहीं नहीं है।’’

    राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने का प्रयास
    भाजपा और कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाइयों के भी इन चर्चाओं का हिस्सा होने की संभावना है, जिन्हें केंद्र शासित प्रदेश में सामान्य राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूत करने के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर की सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ इस माह की समाप्ति से पहले बातचीत करने की संभावना है।

    अधिकारियों ने कहा कि न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर देसाई के नेतृत्व में परिसीमन आयोग, जिसे संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पारित होने के तुरंत बाद गठित किया गया था, के अपने काम में तेजी लाने और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की संभावना है। आयोग का गठन फरवरी 2020 में किया गया था और इसे इस साल मार्च में एक साल का विस्तार दिया गया है।

    बुखारी को छोड़कर, अन्य नेता जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त किए जाने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने के केंद्र के अगस्त 2019 के फैसले के बाद हिरासत में रह चुके हैं। पिछले साल जिला विकास परिषद के चुनाव में, पीएजीडी ने भाजपा और उसके सहयोगियों से आगे बढ़कर 280 में से 110 सीटों पर जीत हासिल की थी और नेशनल कांफ्रेंस गठबंधन के भीतर 67 सीटों के साथ मजबूत हुई थी। भाजपा 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी।

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