नई दिल्ली: कतर में लंबे समय से सजा काट रहे पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी सुरक्षित वापस भारत लोट आए हैं. इन सभी कर्मियों की संख्या 8 थी, जिनमें से 7 नौसैनिक वापस आ गए हैं. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय ने दी. अपने देश वापस आने के बाद मीडिया ने उनसे बातचीत की. बातचीत के दौरान सभी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आभार व्यक्त किया है. साल 2022 में जासूसी के आरोप में इन आठ नौसेनिकों को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिसके बाद पिछले साल यानी साल 2023 में उन सभी को कतर कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी थी.
भारत सरकार के अपील के बाद इन सब की सजा माफ हुई और अब वह सब सुरक्षित भारत वापस आ गए हैं. वापस आने के बाद सभी नौसेनिकों के चेहरे पर खुशी के साथ सुकून देखने को मिला. सभी ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. वापस लौटे नौसेनिकों में से एक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम सभी ने घर वापस लौटने के लिए 18 महीनों का इंतजार किया है और हमारे वापस आने का पूरा श्रेय उन्होंने पीएम को दिया है. उन सभी में से एक अन्य नौसैनिक का कहा, “हम सभी पीएम के आभारी है, उनके ना होने पर यह संभव नहीं हो पाता. हमारा सुरक्षित वापस आना उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप और कतर के साथ उनके समीकरण के बिना संभव नहीं हो पाता.”
प्रधानमंत्री को दिया धन्यवाद
उन्होंने भारत सरकार के किए गए सभी प्रयासों के लिए खुशी और आभार जताया है और कहा है कि भारत सरकार के प्रयासों के बिना यह दिन संभव नहीं होता. उनमें से एक ने पीएम की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना हमारे लिए यहां टिकना संभव नहीं था और यह भारत सरकार के निरंतर प्रयासों की वजह से ही है जो हमारा भारत आना संभव हो पाया है. हम सब बहुत खुश हैं कि हम सुरक्षित रूप से भारत वापस आ गए हैं. निश्चित रूप से, हम पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहेंगे. उन्होंने दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड करने के बाद ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए. सभी पूर्व अधिकारियों ने पीएम मोदी और कतर के अमीर तमीम बिन हमद को भी धन्यवाद दिया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल यह सभी आठ नौसैनिक दोहा के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करने वाली अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी में काम करते थे. इन सभी पर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप था, जिसके बाद इन सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था. यह सभी भारतीय पहले नौसेना में काम करते थे, जिनका नाम कैप्टन नवतेज गिल और सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, अमित नागपाल, एसके गुप्ता, बीके वर्मा और सुगुनाकर पकाला और नाविक रागेश है. इन सभी नौसैनिक साल 2022 अक्टूबर से कतर की जेल में कैद थे. 28 दिसंबर साल 2023 को कतर की अदालत ने इन आठों को फांसी की सजा सुना दी थी, जिसके बाद भारत सरकार ने इस मुद्दे पर और ज्यादा हस्तक्षेप करने लगी. भारत सरकार ने इन सभी को राजनयिक तौर पर सहायता दी और फांसी की सजा के लिए अपील दर्ज की जिसके बाद फांसी की सजा की जगह 3 से 25 साल तक की जेल की सजा सुनाई गई. सजा का फैसला हो जाने के बाद से पीएम मोदी ने व्यक्तिगत तौर पर इस मामले पर बात की, जिसके बाद से इन सभी को रिहा कर दिया गया.
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