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‘PM मोदी ने झूठ बोला’, संविधान पर राज्यसभा में टकराव; खरगे ने बताई वॉकआउट की वजह

नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोला. उनके भाषण के दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी सांसदों ने विरोध करते हुए नारे लगाए और सदन से वॉकआउट कर गए. विपक्षी सांसदों का कहना है कि विपक्ष के नेता को बोलने की अनुमति नहीं दी गई और उन्हें इसकी अनुमति दी जानी चाहिए थी. वहीं, पीएम मोदी ने विपक्षी सांसदों के वॉकआउट पर कहा कि उनकी सत्य सुनने की हिम्मत नहीं है.

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हमने इसलिए वॉकआउट कर गए क्योंकि प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने सदन को कुछ गलत बातें बताईं. झूठ बोलना और सच्चाई से परे बातें कहना उनकी आदत है. मैंने उनसे बस इतना पूछा कि जब वे संविधान के बारे में बोल रहे थे, तो आपने संविधान नहीं बनाया, आप लोग इसके खिलाफ थे. मैं बस यह स्पष्ट कर रहा था कि संविधान के पक्ष में और विरोध में कौन लोग हैं.


खरगे ने कहा कि उन्होंने संविधान का विरोध किया है. उन्होंने बीआर अंबेडकर और पंडित नेहरू का पुतला जलाया. वे बार-बार कहते हैं कि हमने बीआर अंबेडकर का अपमान किया, उन्होंने लोकसभा में कहा और वे आज भी यही कह रहे हैं. मैं बताना चाहता था कि बाबासाहेब ने संविधान सभा में क्या कहा है और आरएसएस ने ऑर्गनाइजर में क्या लिखा है. हमने सदन में बोलने के लिए सभापति जगदीप धनखड़ और पीएम मोदी से गुजारिश की, लेकिन हमें मौका नहीं दिया गया. क्या आज मुझे बोलने के लिए एक मिनट नहीं मिल सकता था?

विपक्ष के राज्यसभा से वॉकआउट पर NCP-SCP प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे एक संवैधानिक पद पर हैं. चाहे वह प्रधानमंत्री हों या सदन के अध्यक्ष उनका सम्मान करना उनकी जिम्मेदारी है, लेकिन आज यह सब नजरअंदाज किया गया और इसलिए पूरा विपक्ष उनके साथ है. यही वजह है कि हमने वॉकआउट किया.

विपक्ष के वॉकआउट पर पीएम मोदी ने कहा कि जनता ने पराजित कर दिया है कि अब उनके पास चीखने के सिवाय कुछ बचा नहीं है. देश देख रहा है झूठ फैलाने वालों की सत्य सुनने की ताकत भी नहीं होती है. सत्य से मुकाबला करने के लिए हौसले नहीं हैं. खुद के सवालों के जवाब सुनने की हिम्मत नहीं बची. पीएम मोदी ने उच्च सदन को अपमानित करने का आरोप लगाया है. वहीं, सभापति धनखड़ ने भी विपक्ष पर सदन की अपमान करने और संविधान को पीठ दिखाने का आरोप लगाया.

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