वाशिंगटन (Washington)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अपनी अमेरिका यात्रा (US Visit) पर रवाना हो गए हैं। पीएम मोदी 3 दिन अमेरिका (America) में रहेंगे और अलग-अलग शहरों में आयोजित कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इससे पहले पीएम मोदी 6 बार अमेरिका जा चुके हैं, लेकिन यह यात्रा इसलिए खास है क्योंकि वे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (US President Joe Biden) के विशेष आमंत्रण पर वहां जा रहे हैं। पीएम मोदी मंगलवार सुबह करीब 7.15 बजे पालम हवाई अड्डे से रवाना हुए।
बीते हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन भारत आए थे. उन्होंने यहां अपने समकक्ष एनएसए अजीत डोभाल से तो मुलाकात की ही, लेकिन इससे भी अहम रही पीएम मोदी से हुई उनकी मुलाकात। ये बातचीत हफ्ते भर पहले हुई और अब मोदी अमेरिका के लिए रवाना हो गए और इस दौरान होने वाले जिन रक्षा सौदों की चर्चा आम है, उसके सूत्रधार जैक सुलिवन ही हैं।
बीते साल ही बनने लगी थी डील की भूमिका
बातचीत, मुलाकात, तारीफ-तरफदारी का ये सिलसिला तो खैर सालभर पहले ही शुरू हो चुका था. मीडिया रिपोर्ट इस बात की गवाह हैं कि कैसे बीते साल नवंबर 2022 में सुलिवन ने पीएम मोदी की तारीफ की थी, और जी20 बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात की भूमिका बनाई थी. यह वह समय था, जब दोनों देशों ने द्विपक्षीय वार्ता के जरिए साझेदारी की राह पर बढ़ना शुरू किया था।
पीएम मोदी के इस दौरे की शुरुआत न्यूयॉर्क पहुंचने से होगी. यहां यूएन में वो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे. इसके बाद वो वॉशिंगटन जाएंगे जहां बतौर राजकीय मेहमान उनका स्वागत किया जाएगा. चीन के बढ़ते आक्रामक रुख पर लगाम कसने के लिए अमेरिका ने भारत को अपना रणनीतिक साझीदार बनाया है और अब वो उसकी ताकत और तकनीक को आगे बढ़ा रहा है. इस दौरे पर सबसे बड़ी डिफेंस डील होने जा रही है, जिसमें ड्रोन्स, स्ट्राइकर आर्मर्ड व्हीकल के अलावा जेट इंजन पर समझौता होने वाला है।
डिफेंस डील की अहम बातें
डिफेंस को लेकर होने वाले इस समझौते की अहम बात ये है कि अमेरिका जेट इंजन से लेकर अपने खतरनाक हथियारों की तकनीक भी भारत को ट्रांसफर करने वाला है. दरअसल, उसे भारत की ताकत का एहसास है और वो जानता है कि भारत को साथ लिए बिना वो चीन से नहीं निपट सकता है. लिहाजा, पीएम मोदी के इस दौरे में वो सौदे होने वाले हैं जिनसे न केवल भारत की सामरिक ताकत बढ़ेगी बल्कि देश में रोजगार बढ़ने की भी बड़ी उम्मीदें हैं।
कई गुना बढ़ेगी भारत की ताकत
भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. 21 जून से पीएम मोदी के अमेरिकी दौर पर ये डील फाइनल होगी जिससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. पीएम मोदी के इस दौरे से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. जेक सुलिवन को इस मेगा डिफेंस डील का सूत्रधार माना जाता है. उनके साथ मिलकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल जनवरी के बाद जबरदस्त काम किया।
बता दें कि डिफेंस डील की बारीकियों को साझा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया. वहीं इस मुलाकात से पहले आईसीईटी की बैठक के दौरान जेक सुलिवान ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन की खुशी साझा की.
जनवरी 2023 से हो रही डोभाल-सुलिवन की बातचीत
जेक सुलिवन और अजीत डोभाल के बीच जनवरी 2023 के बाद बातचीत शुरू हुई थी. कई दौर की बातचीत के बाद अब भारत-अमेरिका का रक्षा सौदा निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. ये सौदा रूस के साथ भारत के रक्षा संबंधों में आई अड़चनों के बीच तेजी से आगे बढ़ा. दरअसल, यूक्रेन युद्ध में उलझा रूस भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा नहीं कर पा रहा था और उधर चीन का खतरा भारत ही नहीं दुनिया के लिए लगातार बढ़ता जा रहा था.
जब 22 जून को पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मिलेंगे तो दोनों देशों के बीच कौन-कौन से समझौते होंगे.
पहला समझौता – भारत में जीई-414 जेट इंजन का निर्माण
चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को अपने लड़ाकू विमानों की तादाद तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. इस वक्त तेजस मार्क-2 के लिए नए इंजन की जरूरत थी. पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में GE F414 Engine का निर्माण भारत में होने पर मुहर लग जाएगी. इससे जेट इंजन भारत में बनने लगेगा. इसके लिए अमेरिका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमत हो गया है.
दूसरा समझौता – M-777 लाइट होवित्जर अपग्रेड का ऑफर
भारत के पास इस वक्त M-777 लाइट होवित्जर तोप हैं जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक के पहाड़ी इलाकों में चीन का मुकाबला करने के लिए तैनात हैं. मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले अमेरिका ने इसे अपग्रेड कर इसकी रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है. इससे इस तोप की मारक क्षमता बढ़ जाएगी.
तीसरा समझौता – स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन का साझा उत्पादन
दुनिया की सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां हैं, स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन. अपने मोबाइल गन सिस्टम के साथ, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस ये वाहन टैंकों को भी तबाह करने की ताकत रखता है. अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर बनाने का ऑफर दिया है.
चौथा समझौता – अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को ट्रांसफर
अमेरिका का बेहद खतरनाक ड्रोन 1200 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है. तालिबान और ISIS के खिलाफ अमेरिका ने इन ड्रोन्स के जरिए अचूक हमले किए. भारत को अपनी लंबी समुद्री सीमा और थल सीमा की निगरानी के लिए भी इस ड्रोन की खास जरूरत थी. लिहाजा रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से इस खरीदारी को हरी झंडी दे दी. वहीं पीएम मोदी के दौरे पर इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है.
पांचवां समझौता – अमेरिका के दूर तक मार करने वाले बम-मिसाइल का निर्माण
भारत चाहता है कि वो हवा से हवा में मार करने वाले अमेरिकी मिसाइल और लंबी रेंज वाले आर्टिलरी बम का निर्माण अपने देश में करे. मुमकिन है कि ये समझौता भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर होगा.
छठा समझौता – INS विक्रांत के लिए 26 F-18 फाइटर विमान की बिक्री
पिछले साल भारत ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत को लॉन्च किया था. इसके लिए दमदार फाइटर एयरक्राफ्ट की तलाश हो रही है. पीएम मोदी के अमेरिका दौरे पर अमेरिका के 26 F-18 सुपर हॉर्नेट की खरीदारी पर मुहर लग सकती है. इस डील से न केवल मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा बल्कि हथियार निर्यात में कदम बढ़ा रहे भारत को एक नई ताकत मिलेगी.ॉ
न्यूयॉर्क पहुंचेंगे पीएम मोदी
20 जून की शाम नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में होंगे और वहां भारतीयों और अमेरिकियों समेत बड़ी तादाद में लोग पीएम मोदी के स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं. पीएम मोदी का इंतजार भारतीय-अमेरिकी समुदाय को ही नहीं अमेरिकी सरकार, प्रशासन और राजनेताओं को भी है.अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए भारतीय बेकरार हैं. बच्चे हों या बुज़ुर्ग, महिलाएं हों या पुरुष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले इन सबका जोश हाई है. वॉशिंगटन डीसी में पीएम मोदी के स्वागत के लिए भारतीय समुदाय के लोग पहले से तैयारियों में जुटे हुए हैं।
अमेरिका में निकाला गया स्वागत मार्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैसे तो सबसे पहले न्यू यॉर्क पहुंचने वाले हैं, लेकिन उनके अमेरिका दौरे से पहले अमेरिका के 20 शहरों से भारतीय समुदाय के हजारों लोग वॉशिंगटन पहुंच चुके थे. कोई अमेरिका के वर्जीनिया से आया था, कोई मैरीलैंड से, कोई न्यू यॉर्क से आया था, कोई कैलिफोर्निया से तो कोई कनेक्टिकट से पहुंचा था.
अमेरिकी भारतीय समुदायों के बीच हिंदुस्तान की विविधता के इतने रंग बिखरे थे कि वॉशिंगटन में पीएम के स्वागत की तैयारियों से पहले जो कार्यक्रम आयोजित हुआ था उनमें कोई पंजाब का था तो कोई कश्मीर का, कोई तेलंगाना का था तो कोई गुजरात का. अमेरिका के 20 शहरों से सात हजार से ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी के दौरे से पहले एक मार्च निकाला था. पीएम मोदी के समर्थन में नारे और अमेरिकी जिंदाबाद के नारे के साथ लोग यूनिटी मार्च में पहुंचे थे।
21 जून की सुबह यूएन में योग
वॉशिंगटन डीसी में लिंकन मेमोरियल तक आयोजित इस मार्च का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले उनके स्वागत का था. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती का था. दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र के साझा मूल्यों के लिए था. उधर, 20 जून को न्यू यॉर्क में जैसे ही पीएम मोदी पहुंचेंगे तो दूसरे दिन 21 जून को दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत के प्रांगण में विश्व भर के प्रतिनिधि भारत के प्रधानमंत्री के साथ योग कर रहे होंगे।
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