नईदिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वर्चुअल समारोह के माध्यम से, राजमाता विजया राजे सिंधिया के सम्मान में 100 रुपये का सिक्का जारी किया। उनके जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में वित्त मंत्रालय द्वारा दिया गया विशेष सिक्का जारी किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि राजमाता विजया राजे ने जनसंघ अध्यक्ष बनने का ऑफर ठुकरा दिया था। पीएम ने ग्वालियर की राजमाता विजया राजे सिंधिया के सम्मान में 100 रुपये का स्मृति सिक्का जारी करते हुए यह बात कही। इस दौरान पीएम मोदी ने उनके व्यक्तित्व पर चर्चा की और कहा कि पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ एक व्यक्तित्वों में राजमाता विजया राजे सिंधिया भी शामिल थीं। राजमाता केवल वात्सल्य की मूर्ति ही नहीं थीं, बल्कि वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम में से कई लोगों को उनसे बहुत करीब से जुड़ने का, उनकी सेवा, उनके वात्सल्य को अनुभव करने का सौभाग्य मिला है। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आजादी के इतने दशकों तक, भारतीय राजनीति के हर अहम पड़ाव की वो साक्षी रहीं। आजादी से पहले विदेशी वस्त्रों की होली जलाने से लेकर आपातकाल और राम मंदिर आंदोलन तक, राजमाता के अनुभवों का व्यापक विस्तार रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी में भारत को दिशा देने वाले कुछ एक व्यक्तित्वों में राजमाता विजयाराजे सिंधिया भी शामिल थीं। राजमाताजी केवल वात्सल्यमूर्ति ही नहीं थीं बल्कि वो एक निर्णायक नेता थीं और कुशल प्रशासक भी थीं। राजमाता एक आध्यात्मिक व्यक्तित्व थीं। साधना, उपासना, भक्ति उनके अन्तर्मन में रची बसी थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे कई मौके आए जब पद उनके (विजया राजे सिंधिया) पास तक चलकर आए, लेकिन उन्होंने उसे विनम्रता के साथ ठुकरा दिया। एक बार खुद अटल जी और आडवाणी जी ने उनसे आग्रह किया था कि वो जनसंघ की अध्यक्ष बन जाएं, लेकिन उन्होंने एक कार्यकर्ता के रूप में ही जनसंघ की सेवा करना स्वीकार किया।
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्र के भविष्य के लिए राजमाता ने अपना वर्तमान समर्पित कर दिया था। देश की भावी पीढ़ी के लिए उन्होंने अपना हर सुख त्याग दिया था। राजमाता ने पद और प्रतिष्ठा के लिए न जीवन जीया, न राजनीति की, लेकिन जब वो भगवान की उपासना करती थीं, तो उनके पूजा मंदिर में एक चित्र भारत माता का भी होता था। भारत माता की भी उपासना उनके लिए वैसी ही आस्था का विषय था। पीएम मोदी ने कहा कि राजमाता के आशीर्वाद से देश आज विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। ये भी कितना अद्भुत संयोग है कि रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने जो संघर्ष किया था, उनकी जन्मशताब्दी के साल में ही उनका ये सपना भी पूरा हुआ है।
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