नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) के मद्देनजर विपक्ष की बेंगलुरु बैठक पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन (Corrupt Conference) हो रहा है। उन्होंने कहा कि 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों का लेबल कुछ और माल कुछ है।
प्रधानमंत्री मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, पोर्ट ब्लेयर के नए एकीकृत टर्मिनल भवन का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश के लोग 2024 के चुनाव में फिर एक बार हमारी सरकार वापस लाने का मन बना चुके हैं, निर्णय ले चुके हैं। ऐसे में भारत की बदहाली के जिम्मेदार कुछ लोग अपनी दुकान खोलकर बैठ गए हैं। मोदी ने कहा, “इन्हें देखकर मुझे एक कविता की कुछ लाइनें याद आ गई है, जो अवधी भाषा में लिखी गई है – गाइत कुछ है, हाल कुछ है, लेबल कुछ है, माल कुछ है। 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बिल्कुल सटीक बैठता है।”
उन्होंने कहा कि ये लोग देश के लोकतंत्र और संविधान को अपना बंधक बनाना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने आगे जोड़ा, नफरत है घोटाले हैं, तुष्टीकरण है मन काले हैं, परिवारवाद की आग के दशकों से देश हवाले है। उन्होंने कहा कि इनके लिए देश के गरीबों के बच्चों का विकास नहीं बल्कि अपने बच्चों और भाई-भतीजों का विकास मायने रखता है। इनकी एक ही विचारधारा और एजेंडा है अपना परिवार बचाओ, परिवार के लिए भ्रष्टाचार बढ़ाओ। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये जो जमात इकट्ठी हुई है, उनके कुनबे में बड़े से बड़े घोटालों पर, अपराधों पर इनकी जुबान बंद हो जाती है। जब किसी एक राज्य में इनके कुशासन की पोल खुलती है, तो दूसरे राज्यों के ये लोग फौरन उसके बचाव में तर्क देने लगते हैं।
लोग कह रहे हैं कि यह (बेंगलुरु विपक्ष बैठक) भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग (विपक्ष) इकट्ठा हुए हैं, वे सभी अपने भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर चुप रहते हैं। पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा हुई थी और वे सभी शांत थे। कांग्रेस और वामपंथी कार्यकर्ता अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे थे। लेकिन उनके नेता इतने स्वार्थी थे कि उन्होंने कार्यकर्ताओं को उस गंभीर स्थिति में छोड़ दिया। तमिलनाडु में, भ्रष्टाचार के कई मामले अब उजागर हो रहे हैं लेकिन वे (विपक्ष) पहले ही क्लीन चिट का दावा कर चुके हैं।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वीर सावरकर हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। उन्होंने कहा, “अब तक, वर्तमान टर्मिनल की क्षमता प्रतिदिन 4,000 पर्यटकों को संभालने की थी। हालांकि, इस नए टर्मिनल के साथ, क्षमता बढ़कर 11,000 पर्यटकों तक पहुंच गई है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों में हमने संवेदनशीलता के साथ पूर्ववर्ती सरकारों की गलतियों को सुधारा है और नई सुविधाएं भी तैयार की हैं। भारत में विकास का एक नया मॉडल सामने आया है, यह मॉडल सबको साथ लेकर चलने का है, यह मॉडल ‘सबका साथ सबका विकास’ का है। उन्होंने कहा कि भारत में लंबे समय तक कुछ पार्टियों की स्वार्थी राजनीति के कारण विकास केवल बड़े शहरों तक ही सीमित था, जिसके कारण आदिवासी और द्वीपीय क्षेत्र विकास से वंचित रह गए।
उल्लेखनीय है कि इस नये एकीकृत टर्मिनल भवन का निर्माण लगभग 710 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। यह नया टर्मिनल, इस केन्द्रि शासित प्रदेश की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। लगभग 40,800 वर्गमीटर के कुल निर्मित क्षेत्र वाला यह नया टर्मिनल भवन प्रति वर्ष लगभग 50 लाख यात्रियों के आवागमन को संभालने में सक्षम होगा। पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर 80 करोड़ रुपये की लागत से दो बोइंग-767-400 और दो एयरबस-321 प्रकार के विमानों के लिए उपयुक्त एप्रन का भी निर्माण किया गया है, जिससे यह हवाई अड्डा अब एक समय में दस विमानों की पार्किंग करने में सक्षम हो गया है। एजेंसी
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