वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां 2,447 करोड़ की लागत से बने वाराणसी-प्रयागराज राजमार्ग की 6-लेन चौड़ीकरण परियोजना का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होने पर इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है। इस हाइवे के चौड़ा होने से काशी और प्रयागराज के बीच का आना-जाना अब और आसान हो जाएगा। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को और क्षेत्र के लोगों को जो परेशानी होती थी, अब वह भी समाप्त हो जाएगी। इतना ही नहीं इसका लाभ कुम्भ के दौरान भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देव दीपावली और प्रकाशोत्सव के अवसर पर आज काशी को आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का एक और उपहार मिल रहा है। उन्होंने कहा कि 2013 में उनकी पहली जनसभा इसी मैदान पर हुई थी। यहां से गुजरने वाला हाइवे तब फोरलेन का था। आज बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से यह हाइवे सिक्सलेन का हो चुका है। उन्होंने कहा कि पहले जो लोग हंडिया से राजातालाब आते-जाते थे, उन्हें पता है कि इस हाइवे पर कितनी ज्यादा मुश्किलें आती थीं। जगह-जगह जाम दिल्ली और दूसरे शहरों से भी ज्यादा रहता था। जो यहां लोग आते थे वह इस रास्ते पर आकर परेशान हो जाते थे।
प्रधानमंत्री ने कहा 70 किलोमीटर से ज्यादा का सफर अब आराम और तेज रफ्तार में होगा। इस हाइवे के चौड़ा होने से काशी और प्रयागराज के बीच का आना जीना अब बहुत आसान हो जाएगा। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को और क्षेत्र के लोगों को जो परेशानी होती थी, अब वह भी समाप्त हो जाएगी। इतना ही नहीं इसका लाभ कुम्भ के दौरान भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आस्था से जुड़ी जगह हो या फिर किसी विशेष काम, लोग कहीं भी आने जाने से पहले यह जरूर देखते हैं कि वहां आना जाना कितना आसान होगा। इस प्रकार की सुविधाएं देशी विदेशी पर्यटक और श्रद्धालुओं को भी प्रोत्साहित करती हैं।
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में काशी के सुंदरीकरण के साथ-साथ यहां की कनेक्टिविटी पर जो काम हुआ है, उसका लाभ सभी लोग देख रहे हैं। नए हाइवे हों, पुल-फ्लाईओवर हो, ट्रैफिक जाम कम करने के लिए रास्तों को चौड़ा करना हो, जितना काम बनारस और आसपास में अभी हो रहा है, उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है। बीते वर्षों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड भी बनाया गया है।
वाराणसी में पेरिशेबल कार्गो सेंटर बनने के कारण अब यहां के किसानों को अब फल और सब्जियों को स्टोर करके रखने और उन्हें आसानी से बेचने की बहुत बड़ी सुविधा मिली है। इस स्टोरेज कैपेसिटी के कारण पहली बार यहां के किसानों की उपज बड़ी मात्रा में निर्यात हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से किसानों को कितना लाभ हो रहा है, इसका एक बेहतरीन उदाहरण चंदौली का काला चावल-ब्लैक राइस है। ये चावल चंदौली के किसानों के घरों में समृद्धि लेकर आ रहा है। चंदौली के किसानों की आय को बढ़ाने के लिए दो साल पहले काले चावल की एक वैरायटी का प्रयोग यहां किया गया था। पिछले साल खरीफ के सीज़न में करीब 400 किसानों को ये चावल उगाने के लिए दिया गया।
उन्होंने कहा कि इन किसानों की एक समिति बनाई गई, इसके लिए मार्केट तलाश किया गया। सामान्य चावल जहां 35-40 रुपये किलो के हिसाब से बिकता है, वहीं ये बेहतरीन चावल 300 रुपये तक बिक रहा है। बड़ी बात ये भी है कि ब्लैक राइस को विदेशी बाज़ार भी मिल गया है। पहली बार ऑस्ट्रेलिया को ये चावल निर्यात हुआ है। करीब साढ़े 800 रुपये किलो के हिसाब से इसका निर्यात किया गया।
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