नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज महाराष्ट्र (Maharashtra) पहुंचे। यहां सोलापुर (Solapur) में उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana), शहरी की कुछ लाभार्थियों को घर की चाबी सौंपी। पीएम मोदी ने सोलापुर में AMRUT 2.0 योजना का उद्घाटन किया। लोकसभा चुनाव से पहले पीएम का यह दौरा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपी के बाद महाराष्ट्र से ही सबसे ज्यादा सांसद चुनाव जीतकर आते हैं। इस दौरान उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। इसमें उन्होंने पिछले 10 सालों में अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों और गरीबी दूर करने की योजनाओं का जिक्र किया।
राज्य में पीएम आवास योजना-शहरी के तहत 90 हजार से ज्यादा घर बनाए गए हैं। इस योजना के तहत सोलापुर की रायनगर हाउसिंग सोसाइटी में ही 15 हजार घर बनाए गए हैं। ये घर जिले की रेनगर हाउसिंग सोसाइटी में बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री ने 15 हजार घरों की चाबी लाभार्थियों को सौंपी। यह आवासीय कालोनी गरीब लोगों के लिए बनाई गई है। प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र को 2 हजार करोड़ रुपये के विकास परियोजनाओं की सौगात दी।
पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले कुछ संतों के मार्ग दर्शन में मैं अपने नियमों में व्यस्त हूं और उसका मैं कठोरता से पालन भी करता हूं। ये भी संयोग है कि इसकी शुरुआत महाराष्ट्र के नासिक से पंचवटी की भूमि से हुई। राम भक्ति से भरे इस वातावरण में आज महाराष्ट्र के एक लाख से ज्यादा परिवारों का गृह प्रवेश हो रहा है। महाराष्ट्र के ये एक लाख से अधिक परिवार भी 22 जनवरी को अपने पक्के घर में शाम को राम ज्योति प्रज्वलित करेंगे।
पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि सोलापुर के हजारों गरीबों और मजदूर साथियों के लिए हमने जो संकल्प लिया था, वह आज पूरा हो रहा है। आज पीएम आवास योजना के तहत बनी देश की सबसे बड़ी सोसाइटी का लोकार्पण हुआ है। मैं आज देखकर आया और मैंने सोचा काश मुझे भी बचपन में ऐसे घर में रहने का मौका मिला होता।
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार पहले दिन से प्रयास कर रही है कि श्रीराम के आदर्शों पर चलते हुए देश में सुशासन हो, देश में ईमानदारी का राज हो। ये रामराज्य ही है जिसने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की प्रेरणा दी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में लंबे समय तक गरीबी हटाओ के नारे लगते रहे लेकिन गरीबी नहीं हटी। पीएम ने कहा कि गरीबों के नाम पर योजनाएं तो बनाई जाती थीं, लेकिन उनका लाभ गरीबों को नहीं मिलता था। गरीब के हक का पैसा बिचौलिये लूट जाते थे। पहले की सरकारों की नीति, नीयत और निष्ठा कठघरे में थी। हमारी नीयत साफ है और नीति गरीबों को सशक्त करने की है।
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