नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि सिख समुदाय के कल्याण और भलाई के लिए (For Welfare and Well-being of the Sikh Community) पीएम मोदी (PM Modi) ने कई ऐतिहासिक काम किए (Has Done Many Historic Works) । मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कामों का जिक्र करते हुए अमित शाह ने यह दावा किया कि पिछले 9 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिख बहनों और भाइयों के कल्याण के लिए कई ऐतिहासिक काम किए हैं।
‘दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि 1984 के दंगे को कोई व्यक्ति कभी भूल नहीं सकता है। इन दंगों में जब तक मोदी सरकार नहीं बनी थी, तब तक किसी को सजा नहीं हुई थी। कई जांच आयोग बने लेकिन परिणाम नहीं मिला, लेकिन मोदी सरकार ने इसकी जांच के लिए एसआईटी बनाई, 300 मामलों को दोबारा खोला और जो दोषी थे उन्हें जेल भेजने की शुरुआत हुई।
शाह ने आगे बताया कि इतने सालों के बाद 1984 के दंगों के मामलों में 3328 पीड़ितों के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने का काम मोदी सरकार द्वारा ही किया गया। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के जरिए पड़ोसी देशों के प्रताड़ित सिख बहनों-भाइयों को नागरिकता देने का रास्ता भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही खोला है। पीएम मोदी भाग्यवान हैं कि गुरुओं के आशीर्वाद से उन्हें साहिबान की सेवा करने का मौका मिला है।
सिख पंथ की गुरु परंपरा को शीश झुका कर प्रणाम करते हुए अमित शाह ने आगे कहा कि सिख पंथ की 10 पीढ़ियों की गुरु परंपरा ने आक्रान्ताओं के सामने अन्याय और बर्बरता के खिलाफ संघर्ष और बलिदान का उत्कृष्ट उदाहरण दुनिया के सामने रखा। सालों पहले जब सभी मजहब अपने-अपने पंथ को लेकर युद्ध लड़ रहे थे, उस दौरान नानक देव साहब से लेकर दशम पिता तक जो उपदेश दिए गये, उन उपदेशों पर आज पूरी दुनिया चल रही है। इस देश पर 9वें गुरु, गुरु तेगबहादुर जी का जो उपकार है, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। कश्मीर में लोगों पर हुए अत्याचार के लिए औरंगजेब के खिलाफ अपना सर्वोच्च बलिदान देना उनकी महानता को दर्शाता है।
उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने गुरु तेग बहादुर जी के स्मरण में उत्सव मनाने का निर्णय लिया था, तब सरकार ने यह तय किया था कि जिस स्थान से गुरु तेग बहादुर जी की शहीदगी की घोषणा हुई थी, लाल किले के उसी दीवार पर उनका गुणगान होगा। गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन में ‘चार उदासियां’ से कई देशों के अंदर सर्वधर्म समभाव का उपदेश दिया।
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक से लेकर मक्का तक उनके चरण मिले हैं। बिना किसी स्वार्थ के प्रेम के संदेश के लिए उस जमाने में पैदल चल कर इतनी यात्रा करने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। मातृ शक्ति को सशक्त करने की परंपरा सिख पंथ में माता खिवी के लंगर की सीख से वर्षों पहले शुरू हुई। मुगलों के शासन के खिलाफ लड़ाई से लेकर अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन और स्वाधीनता के संग्राम और अब देश की सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने में सिख पंथ हमेशा अग्रणी रहा है।
शाह ने भारत के लिए सिख समुदाय के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि सिख समुदाय धर्म व कर्म दोनों को समान रूप से लेकर आगे चलता है। धर्म के लिए जान देने की बारी आती है, तो एक सच्चा सिख कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता। देश की आजादी से लेकर आज देश की सुरक्षा तक सिख भाइयों का बलिदान सबसे अधिक रहा है।
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