नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आखिरी बार राष्ट्र को संबोधित किया. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने तिरंगा फहराया और देश को संबोधित करते हुए अपने 9 साल के कार्यकाल का हिसाब दिया. पीएम मोदी ने केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग सेक्टरों में किए गए निवेश को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने देश के सीनियर सिटिजन को, देश के मध्यमवर्गीय परिवार को एक नई ताकत दी है. इसकी सफलता को देखते हुए अब देश में 10 हजार जनऔषधि केंद्र से बढ़ाकर 25 हजार जन औषधि केंद्र बनाने का लक्ष्य रखा है. पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को दी जाने वाली राशि 30 लाख करोड़ से 100 लाख करोड़ रुपये कर दिया है.
इसके अलावा स्थानीय विकास की धनराशि 70 हजार करोड़ से 3 लाख करोड़ कर दी गई है. वहीं किफायती आवास के लिए खर्च 90,000 करोड़ रुपये से 4 लाख करोड़ रुपये कर दी गई है. यूरिया उर्वरकों की कीमत 3,000 से मात्र 300. रुपये से कर दी गई है. साथ ही यूरिया की खरीद पर 10 लाख करोड़ की सब्सिडी दी गई है. मुद्रा ऋण से उद्यमियों को सहायता को लेकर 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक का ऋण वितरित किया गया है. पिछले 9 वर्षों में 8 करोड़ नये व्यवसाय खुले हैं.
पीएम मोदी ने बताया कि एमएसएमई को सशक्त बनाना के लिए कोविड के दौरान बांटे गए 3 लाख करोड़ रुपये के ऋण से उन्हें बचाया गया है. पीएम मोदी ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के साथ हमारे बहादुर जवानों को सम्मान मिला है. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से 70 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पीएम मोदी ने अपने भाषण में बताया कि पिछले पांच वर्षों के कार्यकाल में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकलकर नव मध्यम वर्ग में प्रवेश कर गए हैं.
पीएम मोदी ने स्वनिधि ऋण योजना का जिक्र करते हुए कहा कि वेंडरों को सशक्त बनाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया गया है. वहीं किसानों के वित्तीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 2.5 लाख करोड़ रुपये बांटे गए हैं. जबकि जल जीवन मिशन के साथ हर घर जल योजना के तहत नल जल कनेक्शन के लिए 2 लाख करोड़ खर्च किए गए हैं. आयुष्मान भारत को एक सुरक्षा जाल बताते हुए पीएम मोदी ने बताया कि केंद्र सरकार ने अबतक 70 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
पशुधन टीके से पशुधन का स्वास्थ्य सुनिश्चित करते हुए पशुओं के टीके के लिए 15,000 करोड़ दिए गए. वहीं कोरोना से निपटने के लिए टीकाकरण के दौरान 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए. जबकि 15,000 स्वयं सहायता समूहों में महिलाओं को ड्रोन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. 10 करोड़ फर्जी पहचान समाप्त की गई जो फर्जी तरीके से सरकारी अनुदान का लाभ ले रहे थे, इससे भ्रष्टाचार में कमी आयी है.
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