डेस्क: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद कनाडा और भारत के रिश्ते खराब हुए हैं. कनाडा कई बार भारत पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगा चुका है. कनाडा की मंशा भी अब उसके प्रधानमंत्री के बयान में दिख रही है.दरअसल, 9 जून को राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र मोदी ने तीसरी प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. भारत में फिर से नई सरकार बनने के बाद विदेशों से बधाई संदेश आए. कनाडा की तरफ से भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी गई, लेकिन उसकी भाषा बिल्कुल अलग थी. जितना सपाट बधाई संदेश जस्टिन ट्रूडो ने दिया था, ठीक उसी भाषा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया है.
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का बयान एक्स पर पोस्ट किया गया. इसमें लिखा कि ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी चुनावी जीत पर बधाई. कनाडा मानवाधिकारों, विविधता और कानूनों के शासन पर आधारित संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है. दरअसल, कनाडा ने पिछले साल आरोप लगाया कि कनाडाई नागरिक और आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ है. इसलिए उसने अपने बधाई संदेश में ‘कानूनों के शासन’ शब्द का इस्तेमाल किया.
पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के बधाई संदेश उसी भाषा में जवाब दिया. मोदी ने लिखा कि ‘बधाई संदेश के लिए धन्यवाद. भारत आपसी समझ और एक दूसरे की चिंताओं के प्रति सम्मान के आधार पर कनाडा के साथ काम करने को उत्सुक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे की चिंताओं के प्रति सम्मान की बात कही है. अब दोनों देशों के ट्वीट पर लोग भी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कुछ यूजर्स ने लिखा है कि पीएम मोदी ने जैसे को तैसा वाला जवाब दिया है. पीएम मोदी ने अपने रिप्लाई में यह बताने की कोशिश की है कि कनाडा भारत की चिंताओं पर काम करे. अगर ऐसी गतिविधियां जारी रहती हैं तो भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है.
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