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पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का भवन राष्ट्र को समर्पित

March 13, 2022


अहमदाबाद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने देश के लोक मानस में पुलिस और सुरक्षाकर्मियों (Police-Security Personnel) की छवि में सुधारने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि वर्दी से अब लोगों को डर नहीं सुरक्षा का आश्वासन मिलता है। प्रधानमंत्री ने सुरक्षा के क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं (Girls-Women) की बढ़ती संख्या पर संतोष व्यक्त किया। मोदी अहमदाबाद (Ahmedabad) में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (National Defense University) का एक भवन राष्ट्र को समर्पित करने के बाद संस्थान में पहला दीक्षांत भाषण (Convocation Address) दिया। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की छवि बदलने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि भारत में लोकप्रिय संस्कृति में भी पुलिस का चित्रण जिस तरह से किया जाता है वह उसकी क्षवि के संबंध में मददगार नहीं है। श्री मोदी ने कहा कहा, “स्वतंत्रता के बाद, देश के सुरक्षा तंत्र में सुधार की आवश्यकता थी। एक धारणा विकसित की गई थी कि हमें वर्दीधारी कर्मियों से सावधान रहना होगा, लेकिन अब यह बदल गया है। जब लोग अब वर्दीधारी कर्मियों को देखते हैं, तो उन्हें मदद का आश्वासन मिलता है।” उन्होंने इसी संदर्भ में कोविड-19 महामारी के दौरान पुलिस कर्मियों द्वारा किए गए मानवीय कार्यों के बारे में चर्चा की।

पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा, “देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तनाव मुक्त प्रशिक्षण गतिविधियां समय की आवश्यकता है।” प्रधानमंत्री ने पुलिस कर्मियों के लिए नौकरी के तनाव से निपटने में संयुक्त परिवार के घटते समर्थन के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बलों में योग विशेषज्ञों सहित तनाव से निपटने के लिए विशेषज्ञों और विश्राम की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए तनाव मुक्त प्रशिक्षण गतिविधियां समय की आवश्यकता है।”



प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के प्रारंभ में महात्मा गांधी और दांडी मार्च में भाग लेने वालों को श्रद्धांजलि दी। आज ही के दिन महान मार्च की शुरुआत की गई थी। प्रधानमंत्री ने कहा, “अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ गांधी जी के नेतृत्व में जो आंदोलन चला, उसने अंग्रेजी हुकूमत को हम भारतीयों के सामूहिक सामर्थ्य का एहसास करा दिया था।” श्री मोदी ने कहा कि औपनिवेशिक काल के दौरान आंतरिक सुरक्षा की धारणा औपनिवेशिक शासकों के लिए शांति बनाए रखने के लिए जनता में भय पैदा करने पर आधारित थी। उन्होंने यह भी कहा कि आज की पुलिसिंग के लिए बातचीत और अन्य सॉफ्ट स्किल्स जैसे कौशल की आवश्यकता होती है जो लोकतांत्रिक परिदृश्य में कार्य करने के लिए आवश्यक हैं।

उन्होंने सुरक्षा और पुलिसिंग कार्य में प्रौद्योगिकी के महत्व पर बल देते हुए कहा अगर अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्हें भी पकड़ने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी पर जोर देने से दिव्यांग लोग भी इस क्षेत्र में योगदान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने सुरक्षा के क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं की बढ़ती संख्या पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी देख रहे हैं। विज्ञान हो, शिक्षा हो या सुरक्षा, महिलाएं आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं।”

श्री मोदी ने कहा कि गांधीनगर क्षेत्र में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रक्षा विश्वविद्यालय और फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने इन संबंधित क्षेत्रों में समग्र शिक्षा कायम करने को लेकर नियमित संयुक्त संगोष्ठियों के माध्यम से इन संस्थानों के बीच तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “इसे पुलिस यूनिवर्सिटी मानने की गलती कभी न करें। यह एक रक्षा विश्वविद्यालय है जो देश की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखता है।” उन्होंने भीड़ और भीड़ मनोविज्ञान, वार्ता, पोषण और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों के महत्व को दोहराया।

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) की स्थापना पुलिस, अपराध संबंधी न्याय और सुधारात्मक प्रशासन के विभिन्न अंगों में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित मानव शक्ति की आवश्यकता को पूरा करने के लिए की गई थी। सरकार ने 2010 में गुजरात सरकार द्वारा स्थापित रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को उन्नत करके राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय नाम से एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय की स्थापना की है। अक्टूबर, 2020 से इसका संचालन शुरू किया गया। यहां पुलिस विज्ञान और प्रबंधन, आपराधिक कानून और न्याय, साइबर मनोविज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा, अपराध जांच, रणनीतिक भाषाओं, आंतरिक रक्षा और रणनीति, शारीरिक शिक्षा और खेल, तटीय और समुद्री सुरक्षा जैसे पुलिस और आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में डिप्लोमा से डॉक्टरेट स्तर तक शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रस्तुत करता है। वर्तमान में इन कार्यक्रमों में 18 राज्यों के 822 छात्र नामांकित हैं।

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