नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पहले हम दूसरे देशों पर निर्भर थे लेकिन अब मेड इन इंडिया वैक्सीन दुनिया को दे रहे हैं। कोरोना के दौरान भारत की आईटी इंडस्ट्री ने कमाल कर दिखाया है। जब पूरा देश घर की चारदीवारी में सिमट गया था, तब घर से ही इंडस्ट्री को चला रहे थे। आपकी क्षमताओं को देखते हुए भारत के लोगों को यह बहुत स्वाभाविक लगता है। इस मुश्किल घड़ी में भी इंडस्ट्री ने 2 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल की। भारत की आईटी इंडस्ट्री ने अपने रेवेन्यू में 4 बिलियन डॉलर जोड़े, इसके लिए वे अभिनंदन के अधिकारी हैं। आईटी इंडस्ट्री ने सिद्ध कर दिया है कि नए भारत के हर भारतवासी प्रगति के लिए अधीर हैं।
प्रधानमंत्री आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से नैस्कॉम टेक्नॉलॉजी एंड लीडरशिप फोरम (एनटीएलएफ) के 29वें सम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बार नैस्कॉम का फोरम विशेष है। यह एक ऐसा समय है जब दुनिया, भारत को भरोसे के साथ देख रही है। कोरोना के दौरान भारत के ज्ञान विज्ञान, हमारी तकनीकी ने न सिर्फ खुद को साबित किया है बल्कि खुद को विकसित भी किया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवाओं की भावनाओं को समझती है। 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की आकांक्षाएं हमें तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। नए भारत से जुड़ीं अपेक्षाएं जितनी सरकार से हैं, उतनी ही देश के प्राइवेट सेक्टर से भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत का विशाल घरेलू मार्केट का लाभ आईटी इंडस्ट्री को नहीं मिल पाया, यह दिया तले अंधेरा वाली बात थी। हमारी सरकार की नीतियों ने इस अप्रोच को बदल दिया। बंधनों में भविष्य की लीडरशिप नहीं हो सकती है। इंडस्ट्री नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी एक ऐसा प्रयास है। सुधारों का सिलसिला कोरोना काल में जारी रहा । कोरोना काल में ही ओएसपी गाइडलाइन जारी की गई। नई परिस्थितियों के लिए 90 प्रतिशत ज्यादा लोग घरों से काम कर रहे हैं। यह अपने आप में बड़ी ताकत बनने वाला है।
उन्होंने कहा कि दो दिन पहले एक और महत्वपूर्ण पॉलिसी रिफॉर्म की गई है। जिओ स्पेशियल मैप को सभी के इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया है। भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। यह निर्णय भारत के सामर्थ्य का परिचायक है। देश को सुरक्षित रख पाएंगे, देश के नौजवानों को अवसर देंगे। अपने युवा उद्यमियों को दुनिया में पैदा होने वाले अवसर का लाभ उठाने के लिए पूरा मौका मिलना चाहिए। बीते छह सालों में आईटी इंडस्ट्री ने जो समाधान तैयार किया है, उसे अपनी नीति का हिस्सा बनाया है। सरकार से उसे जोड़ा है। सरकारी सेवाओं का लाभ लोगों को ऑनलाइन दिया जा रहा है। इस सुविधा के साथ-साथ करप्शन खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम साबित हुआ है। हर सर्वे में जनता का भरोसा सरकार पर मजबूत हो रहा है। डैशबोर्ड पर सरकार और सरकारी विभाग की हर गतिविधियों को देश का सामान्य नागरिक देख सकता है। सरकारी खरीद को लेकर पहले कैसे-कैसे सवाल उठते थे, अब आज डिजिटल तकनीक का उपयोग करते हुए जीईएम के माध्यम से खरीद की जा रही है । गरीबों के घर हर परियोजना का जिओ टैगिंग की जा रही है, ताकि वो समय पर पूरी की जा सकें।
प्रधानमंत्री ने नैस्कॉम से आह्वान करते हुए कहा कि हमारी तकनीक ज्यादा से ज्यादा मेड इन इंडिया होनी चाहिए। आपके समाधानों में मेक इन इंडिया की छाप होनी चाहिए। इस गति को बनाए रखना है। हमें अपने आप से स्पर्धा करनी होगी। नवाचार और एंटरप्राइज पर ध्यान देना होगा। भारत की आबादी ताकत है। 21वीं सदी में भारत की चुनौतियों के समाधान को लेकर आईटी इंडस्ट्री पर बहुत बड़ा दायित्व है। हमारी खेती में पानी और फर्टिलाइजर के उपयोग के बारे में किसानों को बता सकें, ऐसे समाधान हमें तलाश करने हैं। हेल्थ और वेलनेस के डेटा से गरीब से गरीब को कैसे लाभ मिले, बेहतरीन समाधानों की उम्मीद भारत कर रहा है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि लीडरशिप चिंता मनन से अमृत निकलेगा और देश के काम आएगा।
ओएनटीएलएफ के 29वें सम्मेलन का आयोजन 17 से 19 फरवरी 2021 तक किया जा रहा है। यह सम्मेलन नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नैस्कॉम) का अग्रणी आयोजन है। इस वर्ष के आयोजन का विषय है, ‘शेपिंग द फ्यूचर टूवार्ड्स ए बेटर नॉर्मल’। इसमें 30 से अधिक देशों के 1600 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और तीन दिन के आयोजन के दौरान 30 उत्पाद दिखाए जाएंगे।
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