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PM मोदी ने गरीबी को बताया भारत की सबसे बड़ी बाधा, बोले- हमें उन्हें सशक्त बनाना होगा

November 05, 2023

नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने शनिवार को कहा कि भारत (India) में जो सबसे बड़ी बाधा (biggest obstacle) बनी हुई है वह गरीबी (poverty) है. उन्होंने पिछली सरकारों पर गरीबों और वंचितों को प्रगति नहीं करने देने का आरोप लगाया. प्रधानमंत्री ने गरीबी के खिलाफ लड़ाई (fight against poverty) में नारों के बजाय नीतियों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “हमें उन्हें सशक्त बनाना होगा, ताकि वे अपनी इच्छाशक्ति और ताकत से इस बाधा को पार कर सकें।”


पीएम मोदी ने 2023 एचटी लीडरशिप समिट (2023 HT Leadership Summit) में बोलते हुए इस आयोजन की थीम – ‘बाधाओं से परे’ – की व्याख्या एक संदेश के रूप में की कि जनता सभी बाधाओं को तोड़ने के बाद राजनीतिक प्रतिनिधियों का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा, ”…दुनिया को संदेश दिया गया कि भारत बेहतर भविष्य की राह पर आगे बढ़ रहा है. अब जब आगामी चुनावों के बारे में चर्चा हो रही है, तो शिखर सम्मेलन का विषय ‘बाधाओं से परे’ है… 2024 के चुनाव परिणाम बाधाओं से परे होंगे…।”

पीएम ने वंशवाद की राजनीति (परिवारवाद और भाई-भतीजावाद) पर भी प्रहार किया, जिसे उन्होंने भारत की प्रगति में एक और बाधा बताया. उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारतीय सोचते थे कि वे तभी सफल होंगे जब उनका संबंध किसी प्रभावशाली परिवार से होगा या फिर वह किसी शक्तिशाली आदमी को जानता हो. इसलिए सामान्य नागरिक की कहीं पूछ नहीं थी.” उन्होंने कहा, “लंबे समय तक, भारत और भारतीयों को कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. 2014 से, भारत सभी बाधाओं से मुक्त होने की कोशिश कर रहा है और मुझे खुशी है कि हम बाधाओं से परे के बारे में बात कर रहे हैं.”

पीएम मोदी ने आगे कहा, “आजादी के बाद हमारा देश उस गति से आगे नहीं बढ़ पाया जिस गति से आगे बढ़ सकता था… कुछ बाधाएं मानसिकता की थीं… 2014 के बाद भारत उन बाधाओं से आगे बढ़ने के लिए काम कर रहा है. हम चंद्रमा पर एक ऐसी जगह पर गए जहां कोई नहीं पहुंचा… हम डिजिटल लेनदेन में नंबर 1 हैं… हम स्टार्टअप में नंबर 3 हैं और हम जी20 के माध्यम से दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं।’

चंद्रयान-3 की सफलता पर पीएम मोदी ने कहा कि इससे पूरे देश में आत्मविश्वास पैदा हुआ है. उन्होंने कहा, ”चंद्रयान की सफलता से 140 करोड़ लोग ही वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री नहीं बने, बल्कि पूरा देश आत्मविश्वास महसूस कर रहा है.” उन्होंने आगे कहा कि भारत की बदली हुई मानसिकता के साथ, हमारा देश पूरी दुनिया में जलवायु कार्रवाई लक्ष्यों में भी अग्रणी है. उन्होंने कहा कि इससे पर्यावरणीय जिम्मेदारी और स्थिरता की दिशा में गहरा बदलाव आया है.

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