नई दिल्ली (New Dehli)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi)गुरुवार को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir)के दौरे पर थे। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह उनकी पहली कश्मीर यात्रा (kashmir trip)थी। इस दौरान उन्होंने कई विकास परियोजनाओं का अनावरण (Development projects unveiled)किया और श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक रैली को भी संबोधित किया। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी प्रधानमंत्री ने रैली को संबोधित करने के लिए बख्शी स्टेडियम को चुना। रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर आने वाले आगंतुकों से स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए खरीदारी के लिए अपने खर्च का 5 से 10 प्रतिशत आवंटित करने को कहा।
उन्होंने ‘विकसित भारत, विकसित जम्मू-कश्मीर’ रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आपको खरीदारी पर पांच से 10 प्रतिशत खर्च करना चाहिए। मैंने भी यहीं से खरीदारी की है।’’ उन्होंने कश्मीरी हस्तशिल्प को भी प्रोत्साहित करने की अपील की और खुद श्रीनगर दौरे के दौरान रैली को संबोधित करने से पहले हाथ से बुनी पश्मीना शॉल खरीदी।
जिस पश्मीना शॉल को प्रधानमंत्री ने खरीदा है, उसे मुजतबा कादरी ने अपने हाथों से बुना है। कादरी ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि पीएम मोदी ने हमारे हाथ से बुनी हुई शॉल खरीदी है। उन्होंने कहा, “यह हमारे ब्रांड, मेरे और कश्मीर के लिए एक महान क्षण है। शॉल पर GI टैग लगा हुआ है। सरकार ने हस्तशिल्प विभाग के माध्यम से एक ऐसी सेवा शुरू की है, जहां वे हर शॉल पर एक क्यूआर कोड टैग करते हैं। उसमें शॉल के सभी विवरण होते हैं। मसलन, चाहे वह हाथ से काता गया हो या हाथ से बुना गया हो, या शॉल का माइक्रोन कितना है और शॉल का निर्माता कौन है। आप शॉल के कारीगर का पता लगा सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने स्थानीय पर्यटन और कश्मीर की सुंदरता को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों से शादियों के लिए घरेलू स्थलों का चयन करने का आह्वान किया और ‘वेड इन इंडिया’ अभियान की भी वकालत की। उन्होंने देशवासियों से शादी समारोह के लिए विदेश न जाकर देश में ही जगह चुनने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को ‘वेड इन इंडिया’ के बारे में सोचना चाहिए। उन्हें अपना पैसा खर्च करने के लिए विदेश नहीं जाना चाहिए और इसके बजाय कश्मीर आना चाहिए।’’
उन्होंने अनिवासी भारतीयों से भी अपने परिवार के सदस्यों को देश का भ्रमण करने के लिए ‘चलो इंडिया’ कार्यक्रम में भी भाग लेने को कहा। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर सिर्फ एक क्षेत्र नहीं बल्कि भारत का मस्तक है। ऊंचा उठा मस्तक ही विकास और सम्मान का प्रतीक होता है। इसीलिए विकसित जम्मू-कश्मीर विकसित भारत की प्राथमिकता है।’’
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