नई दिल्लीः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध पर भी टिप्पणी की और कहा कि निर्दोष लोगों की हत्या गलत है. पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, ‘भौगोलिक रूप से, ग्लोबल साउथ हमेशा अस्तित्व में रहा है, लेकिन इसे पहली बार आवाज मिल रही है और यह संयुक्त प्रयासों के कारण है. हम 100 से अधिक देश हैं लेकिन हमारी प्राथमिकताएं समान हैं. पिछले साल, जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान, हमारा प्रयास लोगों के, लोगों द्वारा और लोगों के लिए विकास पर ध्यान केंद्रित करने का था.”
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “हम सभी देख रहे हैं कि पश्चिम एशिया क्षेत्र की घटनाओं से नई चुनौतियां उभर रही हैं. भारत ने इजरायल में 7 अक्टूबर को हुए आतंकवादी हमले की निंदा की है. हमने संयम भी बरता है. हमने बातचीत और कूटनीति पर जोर दिया है. हम इजरायल और हमास के बीच संघर्ष में नागरिकों की मौत की भी कड़ी निंदा करते हैं. हमने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करने के बाद मानवीय सहायता भी भेजी है. फिलिस्तीन के लोग. यही वह समय है जब ग्लोबल साउथ के देशों को व्यापक वैश्विक भलाई के लिए एकजुट होना चाहिए.”
पीएम मोदी ने कहा कि आज AI के युग में टेक्नोलॉजी को जिम्मेदार तरीके से उपयोग में लाने की बहुत जरूरत है. इसको आगे बढ़ाने के लिए भारत में अगले महीने AI Global Partnership Summit आयोजित की जा रही है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर में जब भारत ने G20 की अध्यक्षता संभाली, तो हमने इस फोरम में ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज को आगे बढ़ाना अपना दायित्व माना. हमारी प्राथमिकता थी कि G20 को ग्लोबल स्केल पर समावेशी और ह्यूमन सेंट्रिक बनाया जाए.
संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘दूसरी Voice of Global South समिट के उद्घाटन सत्र में 140 करोड़ भारतवासियों की ओर से मैं आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं. वॉयस ऑफ ग्लोबल 21वीं सदी की बदलती हुई दुनिया का सबसे अनूठा मंच है.
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