नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार यानी आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अहम वर्चुअल बैठक करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर दोनों देशों के बीच गंभीर मतभेद हैं। भारत ने इस मसले पर अमेरिका की इच्छा के अनुसार कदम नहीं उठाया है।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया कि दोनों नेता दक्षिण एशिया, हिंद-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मुद्दों पर चल रहे द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करेंगे और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। वर्चुअल बैठक दोनों पक्षों को द्विपक्षीय समग्र वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उद्देश्य से अपने नियमित और उच्चस्तरीय जुड़ाव को बनाए रखने में सक्षम बनाएगी। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक वाशिंगटन में होने वाली भारत-अमेरिका 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले होगी। इस टू प्लस टू वार्ता का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन करेंगे।
यूक्रेन मसले पर पीएम रखेंगे भारत का पक्ष
बैठक में यूक्रेन मसले पर अहम बातचीत होगी। पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति के समक्ष भारत का पक्ष रखेंगे। यूक्रेन मामले में अमेरिका, यूरोपीय यूनियन समेत कई पश्चिमी देश भारत के रुख की आलोचना करते रहे हैं। पिछले दिनों भारत दौरे पर आए अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह ने भारत के रुख पर निराशा जताते हुए चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन आक्रामक रुख अपनाता है तो रूस भारत की मदद करने नहीं आएगा। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ आए दो प्रस्तावों पर भारत के तटस्थ रुख पर भी निराशा जताई थी। इसके अलावा उसने भारत को रूस से तेल और गैस का आयात बंद करने के लिए कहा है।
जयशंकर ने सुनाई थी खरी-खरी
ब्रिटेन की विदेशमंत्री की मौजूदगी में विदेशमंत्री जयशंकर ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को खरी-खरी सुनाते हुए तेल और गैस आयात मामले में दबाव को स्वीकार नहीं करने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि युद्ध के बाद यूरोपीय देश पहले की तुलना में रूस से अधिक मात्रा में तेल और गैस का आयात कर रहे हैं। उन्होंने व्यंग्यात्मक स्वर में कहा था कि कुछ समय इंतजार करिए। उन्हें पूरी उम्मीद है कि रूस से तेल और गैस आयात करने वालों की सूची में शीर्ष दस में भी भारत शामिल नहीं होगा।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र अहम मुद्दा
अमेरिका दक्षिण चीन सागर में चीन की दादागिरी कम करने और निर्बाध आवागमन को प्राथमिकता देता रहा है। एलएसी पर तनातनी के बीच भारत क्वाड का सदस्य बना था। इस मामले में भारत का अमेरिका सहित क्वाड देशों का रुख एक है। मोदी-बाइडन बैठक में इस मुद्दे पर भी बातचीत होगी। इसके अलावा अमेरिका नहीं चाहता कि भारत रक्षा खरीद मामले में रूस को प्राथमिकता दे। बीते दिनों अमेरिका ने भारत और रूस के बीच हुए एस-400 मिसाइल रोधी सौदा मामले में भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी। हालांकि भारत ने इस मामले में भी अमेरिका की नाराजगी की परवाह नहीं की थी।
2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले बदले सुर
दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच सोमवार को होने वाली 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता से पहले अमेरिका के सुर में बदलाव आया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का मानना है कि भारत-अमेरिका के रिश्ते दुनिया में सबसे अहम हैं और उम्मीद है कि होने वाली वार्ता हमारे रिश्तों को और बेहतर बनाएगी।
जेन साकी ने बयान जारी कर बताया कि बाइडन भारत और अमेरिका की सरकारों, अर्थव्यवस्थाओं और हमारे लोगों के बीच संबंधों को और गहरा करने के लिए सोमवार को भारत के प्रधानमंत्री मोदी के साथ वर्चुअल मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेता कई मुद्दों पर सहयोग के लिए चर्चा करेंगे। इसमें कोरोना से मुकाबला करना, जलवायु संकट का मुकाबला करना, वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved