नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने बुधवार को कोपेनहेगन (Copenhagen) में आइसलैंड (Iceland) की प्रधानमंत्री कैटरीन जैकब्सडॉटिर (PM Katrin Jacobsdottir) से मुलाकात की (Met) और द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग (Bilateral Economic Cooperation) को मजबूत करने (Strengthening) पर जोर दिया (Emphasized) । बैठक दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने अप्रैल 2018 में स्टॉकहोम में पहली भारत-नॉर्डिक शिखर बैठक के दौरान अपनी पहली बैठक को गर्मजोशी से याद किया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष, दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
मोदी और जैकब्सडॉटिर ने विशेष रूप से भूतापीय ऊर्जा (जियोथर्मल एनर्जी), जल से जुड़ी अर्थव्यवस्था (ब्लू इकोनॉमी), आर्कटिक, नवीकरणीय ऊर्जा, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, डिजिटल विश्वविद्यालयों सहित शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। भूतापीय ऊर्जा विशेष रूप से एक ऐसा क्षेत्र है, जहां आइसलैंड की विशेष विशेषज्ञता है और दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में दोनों देशों के विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग पर जोर दिया।
पीएम मोदी ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए जैकब्सडॉटिर के व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना की और उन्हें इस संबंध में भारत की प्रगति के बारे में जानकारी दी। इस दौरान भारत-ईएफटीए व्यापार वार्ता में तेजी लाने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक विकास पर भी चर्चा की।मोदी दो मई से जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करना है। 2022 में ये उनकी पहली विदेश यात्राएं हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने मंगलवार को अपनी डेनिश समकक्ष मेटे फ्रेडरिकसन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी और क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की थी। दोनों नेताओं ने आमने-सामने के प्रारूप में बातचीत की, जिसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई।दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-डेनमार्क हरित सामरिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की। चर्चा में अक्षय ऊर्जा, विशेष रूप से अपतटीय पवन ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन के साथ-साथ कौशल विकास, स्वास्थ्य, शिपिंग, पानी और आर्कटिक में सहयोग शामिल रहा।
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