नई दिल्ली. प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को बांग्लादेश (Bangladesh) के मुख्य सलाहकार (chief advisor) मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) से मुलाकात कर सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह बैठक प्रधानमंत्री शेख हसीना के अगस्त पिछले वर्ष सत्ता से बाहर होने के बाद उनकी पहली मुलाकात होगी. यह मुलाकात 6वें BIMSTEC सम्मेलन के दौरान होगी, जो 2018 के बाद पहली बार इस क्षेत्रीय समूह के नेताओं की आमने-सामने की चर्चा होगी.
इससे पहले गुरुवार को थाईलैंड के प्रधानमंत्री द्वारा BIMSTEC शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित आधिकारिक रात्रिभोज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस को एक साथ बैठते हुए देखा गया. इससे दोनों नेताओं के बीच संभावित बैठक को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं.
मोदी नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से भी मुलाकात कर सकते हैं, ऐसे समय में जब नेपाल में समाज के एक वर्ग द्वारा राजशाही की बहाली की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग हलाइंग से भी मिलेंगे, जो दुर्लभ अंतरराष्ट्रीय दौरे पर हैं, जबकि देश हाल ही में आए विनाशकारी भूकंपों से जूझ रहा है.
मोदी और यूनुस की मुलाकात महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि बांग्लादेश में हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने और वहां अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों के बाद भारत-बांग्लादेश संबंधों में गिरावट आई है. इसके अलावा, कुछ हलकों में यह सवाल भी उठाया गया है कि बांग्लादेश के प्रशासन पर यूनुस का कितना नियंत्रण है. यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब हाल ही में यूनुस ने चीन का दौरा किया था और वहां दिए गए उनके कुछ बयान पूर्वोत्तर क्षेत्र को लेकर भारत के लिए असहज करने वाले रहे.
प्रधानमंत्री मोदी ने 26 मार्च को बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर यूनुस को पत्र लिखकर कहा था कि भारत ढाका के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के महत्व को भी रेखांकित किया, जिसे भारत-ढाका साझेदारी की आधारशिला माना जाता है.
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