नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र ने चुनाव आयुक्तों (election commissioners)के दो रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया (Process)शुरू कर दी है। दरअसल चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे के रिटायरमेंट (Anoop Chandra Pandey’s retirement)और अरुण गोयल (Arun Goyal)के अचानक (Suddenly)इस्तीफे से बनी रिक्तियों को भरने के लिए 15 मार्च तक दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति होने की संभावना है। उससे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई है। इसमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति दिसंबर 2023 में लागू नए कानूनी प्रावधानों के बजाय ‘अनूप बरनवाल’ मामले में संविधान पीठ के निर्देशानुसार करने का निर्देश देने की गुहार लगाई गई है।
इसमें कहा गया है कि ये नियुक्तियां प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) के पैनल द्वारा की जाएं। शीर्ष अदालत की संविधान पीठ ने दो मार्च 2023 को कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) और चुनाव आयुक्तों (ईसी) की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा एक पैनल की सलाह पर की जाएगी। इस पैनल में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे। पिछले साल दिसंबर में संसद द्वारा पारित नए कानून में शीर्ष अदालत के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को पैनल में रखने का प्रावधान है।
कानून की वैधता को भी चुनौती
अब यह याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता जया ठाकुर द्वारा दायर की गई है। इन्हीं की याचिका पर शीर्ष अदालत ने पिछले साल सीईसी और ईसी की नियुक्ति के लिए पैनल तैयार करने का आदेश पारित किया था। उन्होंने फैसले के बाद लाए गए कानून की वैधता को भी चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने अदालत से केंद्र को सीईसी और ईसी के पदों पर नियुक्ति के लिए पिछले साल दिए गए फैसले के अनुसार मानदंडों/प्रक्रियाओं का पालन करने का निर्देश देने के लिए “तत्काल निर्देश” देने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि नया कानून स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांतों के खिलाफ है। इसके अलावा यह ‘अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ’ मामले में शीर्ष अदालत की ओर से निर्धारित सिद्धांतों के विपरीत है। तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए, वकील वरुण ठाकुर ने मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के समक्ष याचिका का उल्लेख किया। इसके बाद CJI ने उन्हें मामले की शीघ्र सुनवाई का आश्वासन दिया।
पीएम की अगुवाई वाली समिति 14 मार्च को बैठक करेगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति चुनाव आयुक्तों के दो रिक्त पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए गुरुवार को बैठक करेगी। समिति में प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री और विपक्ष के नेता या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता हैं। इस तरह फिलहाल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी इसमें शामिल हैं। 9 मार्च को गोयल के अप्रत्याशित इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार एकमात्र सदस्य रह गए हैं।
बता दें कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के नेतृत्व में एक खोज समिति दोनों पदों के लिए पहले पांच-पांच नामों के दो अलग-अलग पैनल तैयार करेगी। इस समिति में गृह सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव शामिल होंगे। बाद में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति, जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल होंगे, चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति के लिए दो व्यक्तियों का नाम तय करेगी। इसके बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि चयन समिति सदस्यों की सुविधा के आधार 14 मार्च को बैठक कर सकती है और नियुक्तियां 15 मार्च तक होने की संभावना है।
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