लंदन । ब्रिटेन (Britain) में सरकार की तथाकथित ‘‘कोविड के साथ जीने’’ की योजना के तहत किसी व्यक्ति के कोरोना वायरस (Corona Virus) जांच में संक्रमित पाये जाने पर 10 दिनों के लिए स्वयं को आइसोलेट करने की कानूनी बाध्यता खत्म होने वाली है. डॉउनिंग स्ट्रीट ने रविवार को यह संकेत दिया. इस योजना के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (PM Boris Johnson) ने लोगों से सावधानी को ‘यूं ही हवा में नहीं उड़ा’ देने की अपील की.
उन्होंने कहा कि इस घातक वायरस के प्रसार से निपटने के लिए राज्य में लागू नियमों का पालन करते हुए आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने ‘बीबीसी’ से कहा कि वह ‘कुछ कामों पर रोक लगाने’ के बजाय ‘टीका नीत पहल’ के साथ इस स्वास्थ्य संकट का समाधान करने के पक्ष में हैं.
पीएम जॉनसन ने कहा, ‘‘अब सभी को फिर अपना विश्वास हासिल करने का समय है. हम समझते हैं कि आप राज्य द्वारा अनिवार्य करने के बजाय संतुलन की स्थिति की ओर बढ़ सकते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कोविड तो अचानक गायब होगा नहीं, इसलिए हमें इस वायरस के साथ जीना सीखने और अपनी आजादियों पर पाबंदी लगाये बगैर अपनी रक्षा करते रहने की जरूरत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम पिछले दो सालों में इस वायरस के खिलाफ टीकाकरण, नये इलाज और इस बेहतर वैज्ञानिक समझ के साथ काम कर रहे हैं. हमारे सफल टीकाकरण और जितने बड़े पैमाने पर लोग खुराक लेने आये, उसे इस बात का श्रेय जाता है कि हम अब ‘कोविड के साथ जीवन जीने’ की योजना पर चलने की स्थिति में हैं.’’ खबरों के अनुसार पीएम जॉनसन सोमवार को होम आइसोलेट के नियमों को खत्म करने की घोषणा कर सकते हैं.
साल 2020 में महामारी के चरम पर पहुचंने के दौरान बनाये गये और बाद की लहरों के दौरान नए नियमों विशेष कोरोना वायरस कानून की अवधि 24 मार्च को खत्म होने वाली है, लेकिन पिछले ही हफ्ते पीएम जॉनसन ने सुझाव दिया था कि यदि आंकड़े उत्साहवर्धक रहे तो ब्रिटेन के बाकी उपाय भी शीघ्र ही खत्म हो जायेंगे. नए आंकड़े के अनुसार देश में शनिवार को कोविड के 34377 मामले सामने आये. फिलहाल देश में 12 साल से अधिक उम्र के 91 फीसद लोगों को कोविड-19 रोधी टीकों की पहली, 85 फीसद को दूसरी और 66 फीसद को बूस्टर या तीसरी खुराक लग गयी है.
वहीं ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने कहा कि जॉनसन ‘युद्ध समाप्त होने से पहले ही जीत की घोषणा कर रहे हैं. ’ सरकार के कुछ वैज्ञानिक सलाहकारों का कहना है कि यह एक जोखिम भरा कदम है, जिससे संक्रमण तेजी से फैल सकता है और भविष्य में आ सकने वाले वायरस के अन्य स्वरूपों के खिलाफ देश की सुरक्षा प्रणाली कमजोर पड़ सकती है. ब्रिटिश मेडिकल एसोसिएशन के भारतीय मूल के अध्यक्ष डॉ. चांद नागपाल ने कहा, ‘‘ यह स्पष्ट रूप से डाटा या स्वास्थ्य विभाग के साथ परामर्श से लिया गया निर्णय नहीं होगा.
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