नई दिल्ली । इजरायल और हमास (Israel and Hamas) के बीच में चल रहे संघर्ष में शांति होने की संभावना फिर से धूमिल हो गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (PM Benjamin Netanyahu) ने शनिवार को कहा कि हमास ने इजरायली बंधकों (Israeli hostages) को मुक्त करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में इजरायल के पास गाजा में युद्ध जारी रखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प उपलब्ध नहीं है। पीएम ने तीन मुख्य मु्द्दों को सामने रखते हुए कहा कि जब तक हम अपने बंधकों को रिहा नहीं करा लेते और यह सुनिश्चित नहीं कर लेते कि हमास और गाजा भविष्य में इजरायल के लिए खतरा पैदा नहीं करेगा.. तब तक यह युद्ध खत्म नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने ईरान को निशाने पर लेते हुए अपनी पुरानी प्रतिज्ञा को भी दोहराते हुए कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार नहीं मिलेगा।
घरेलू स्तर पर युद्ध विराम तोड़कर दोबारा युद्ध शुरू करने के फैसले को लेकर आलोचना का सामना कर रहे नेतन्याहू ने इजरायली जनता के सामने अपनी बात को रखा। अपने बयान में उन्होंने कहा कि हमारी तरफ से इजरायल को अस्थायी युद्धविराम के बदले में आधे बंधकों को रिहा करने का प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार कर दिया गया है। हमास की तरफ से कहा गया है कि वह इजरायल की गाजा क्षेत्र से वापसी और स्थायी युद्ध विराम के बाद ही शेष बंधकों को रिहा करेगा।
नेताओं की इस बातचीत के बीच गाजा के हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शनिवार तक पिछले 48 घंटों में इजरायल ने जबरदस्त हमले किए हैं। इन हमलों में 90 से अधिक लोग मारे गए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले डेढ़ साल से जारी इस युद्ध में हमास की हालत काफी कमजोर हो गई है ऐसे में इजरायली सैनिक युद्धविराम से पहले और तेज हमले करके उन पर हथियार छोड़ने और बंधकों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए रिहा करने का दवाब बना रहे हैं।
7 अक्तूबर 2023 को हमास के इजरायल के ऊपर किए गए हमले के बाद शुरू हुई यह लड़ाई अब तक हजारों लोगों की जान ले चुकी है। हमासी की लीडरशिप को दो बार खत्म किया जा चुका है। कई इजरायली सैनिकों ने भी अपनी जान गंवाई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली हमलों की वजह से अब तक करीब 51 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इजरायली हमले इतने ताकतवर और सटीक है कि पूरे गाजा की लगभग 90 फीसदी आबादी ही अपने घरों को छोड़कर दूसरे ठिकानों पर जाने के लिए मजबूर हो गई है। पूरा गाजा क्षेत्र इस युद्ध की वजह से खंडहरों का ढेर बनकर रह गया है।
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