भोपाल। तापमान में गिरावट और शहर में चल रहे निर्माण कार्यों के साथ हवा की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इससे सांस के मरीजों के लिए दिक्कत बढ़ रही है। तापमान में नमी की वजह से वाहनों से निकलने वाले कण, सड़कों पर उड़ती धूल ज्यादा देर तक हवा में ही रहती है, इसी वजह से हवा दूषित हो रही है। अलाव में प्लास्टिक, पन्नी, टूटे टायर व अन्य घरेलू कचरा जला रहे हैं जिससे भी हवा प्रदूषित हो रही है। सड़क पर जब ट्रैफिक लोड ज्यादा रहता है तब ये और बढ़ जाता है। जानकारों के अनुसार मास्क पहन कर ही बाहर निकलना चाहिए क्योंकि पीएम-10 इन दिनों काफी बढ़ा हुआ है। टीटी नगर में सोमवार को एक्यूआइ 208 रहा. पर्यावरण परिसर में एक्यूआइ 189 रिकार्ड किया गया। ये पिछले 3 दिन से लगातार इसी श्रेणी में बना हुआ है।
गंभीर बीमारियों का खतरा
पीएम 2.5 हवा में घुलने वाले छोटे कण हैं। पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है। विजिबिलिटी का स्तर भी कम हो जाता है। वहीं पीएम 10 के कणों का आकार 10 माइक्रोमीटर होता है। इनके बढऩेे से सांस लेने परेशानी के साथ-साथ अन्य बीमारी होने का खतरा बन जाता है। ये खासतौर पर बच्चों व बुजुर्गों के लिए हानिकारक है।
सर्दी में कचरे का अलाव जलाने से बढ़ रहा प्रदूषण
दूसरी ओर सर्द हवाओं के बढऩे की वजह से लोग कचरा जलाकर ताप रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक कचरे में प्लास्टिक, पन्नी, टूटे टायर व अन्य घरेलू कचरा जला रहे हैं। इससे भी हवा दूषित हो रही है। अन्ना नगर, कबाडख़ाने, शहर की कई बस्तियों के पार्कों में आज भी टायर जलाए जा रहे हैं।
एक्यूआई को छह कैटेगरी में बांटा
एक्यूआई को छह कैटेगरी में बांटा गया है। 0 और 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में माना जाता है।
शहर में 7 जगह मॉनिटरिंग स्टेशन
कलेक्टर ऑफिस में ऑटोमेटिक एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन का काम अंतिम चरण में है। राजधानी में अभी 7 जगह एयर मॉनिटरिंग हो रही है। इनमें से 2 जगह लाइव ऑटोमेटिक होती है वहीं 4 जगह मेनुअल मॉनिटरिंग होती है। अब इन सभी जगहों पर ऑटोमेटिक इंस्टॉलेशन करवाने की कवायद चल रही है। इनमें से कलेक्टर ऑफिस में सेटअप लग चुका है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर ब्रजेश शर्मा बताया कि ये सेटअप फाइनल स्टेज पर है, जल्द ही काम पूरा हो जाएगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved