आजकल उच्च रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर आम समस्या बन गई है। अंग्रेजी में उच्च रक्तचापप को हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह बीमारी दिल की धमनियों में रक्त संचरण बड़ी तेजी से होने के चलते होती है। इस स्थिति में मरीज को सांस लेने मे तकलीफ, थकान, सीने में दर्द, सिर दर्द (Headache) आदि की समस्या होती है। इससे कई अन्य बीमारियां भी दस्तक देती हैं। इनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक और मधुमेह शामिल हैं।
विशेषज्ञ हमेशा 30 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति को रक्तचाप की जांच कराने की सलाह देते हैं। साथ ही सही दिनचर्या का पालन, उचित खानपान और तनाव से दूर रहने के लिए भी कहते हैं। अगर आप भी हाइपरटेंशन (Hypertension) के मरीज हैं और कंट्रोल करना चाहते हैं, तो रोजाना आलूबुखारे(plums) का जूस पिएं। इससे हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। कुछ शोधों में प्रमाणित हो चुका है कि आलूबुखारा के सेवन से उच्च रक्तचाप को कंट्रोल किया जा सकता है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
आलूबुखारा क्या होता है
आलूबुखारा को कई नामों से जाना जाता है। हिंदी में अलुचा भी कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे प्लम कहा जाता है। यह फल लीची समान होता है। इसका स्वाद बहुत मीठा होता है। अमेरिका और भारत समेत कई देशों में आलूबुखारा की खेती की जाती है। इस फल का उपयोग जैम बनाने में अधिक किया जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए लाभदायक होते हैं। खासकर हाइपरटेंशन के लिए यह किसी दवा से कम नहीं है। इसमें पोटैशियम पाया जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो पोटैशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके लिए रोजाना आलूबुखारे का जूस पी सकते हैं। साथ ही रोजाना सलाद में आलूबुखारे को शामिल कर सकते हैं।
जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल साइंस एंड विटामिननोलॉजी ने आलूबुखारा के अर्क पर अध्ययन किया। इस अध्ययन से पता चलता है कि आलूबुखारे के जूस में इथेनॉल यौगिक (ethanol compound) होते हैं। इन यौगिकों में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता होती है। आलूबुखारा रस के इस एंटी-कैंसर गुण (anti-cancer properties) के कारण यह कोलन कैंसर की संभावना को कम करने में मदद कर सकता है। यदि आप भविष्य में कैंसर की संभावनाओं को कम करना चाहते हैं तो नियमित आधार पर आलूबुखारा के जूस का उपयोग किया जा सकता है
शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी के कारण एनीमिया की समस्या हो सकती है। जिसे सामान्य भाषा में खून की कमी भी कहा जाता है। लेकिन एनीमिया के लक्षणों को कम करने में आलूबुखारा जूस की मदद ली जा सकती है। प्रूस जूस में आयरन की उच्च मात्रा होती है। एनीमिया होने का प्रमुख कारण शरीर में आयरन की कमी होती है। आप अपने शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए आप अपने दैनिक आहार में आलूबुखारा जूस का सेवन कर सकते हैं। आलूबुखारा जूस पीने के फायदे एनीमिया (anemia) के अन्य लक्षणों जैसे थकान, कमजोरी और अवसाद आदि को भी कम करने में सहायक हो सकता है
हड्डियों के लिए होता है फायदेमंद
विशेषज्ञों की मानें तो आलूबुखारे में कैल्शियम पाया जाता है। आलूबुखारे के सेवन से हड्डियां मजबूत होती हैं। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस रोग का खतरा भी कम हो जाता है। इसके लिए रोजाना आलूबुखारे का सेवन करें। आप चाहे तो आलूबुखारे के जूस का भी सेवन कर सकते हैं।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य सूचना उद्देश्य के लिए है इन्हें किसी चिकित्सक के रूप में न समझें। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें कोई भी सवाल या परेशानी हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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