इन्दौर। एक तरफ प्रशासन की टीम कोरोना संक्रमण (corona infection) से निपटने में जुटी है, तो दूसरी तरफ अन्य कामकाज भी प्राथमिकता से किए जा रहे हैं। भूमाफियाओं (land mafia) के खिलाफ चल रही जंग हालांकि बीच-बीच में अन्य कारणों से बाधित होती है। बावजूद इसके कलेक्टर (Collector) लगातार पीडि़तों को न्याय दिलवाने में जुटे हैं। क्षेत्रीय विधायक के साथ न्याय नगर गृह निर्माण संस्था की जमीन का दौरा किया, जिसमें तय किया गया कि सेक्टर-ए, बी, सी (Sector-A, B, C) के विवादों को पहले निपटाया जाए, वहीं सेक्टर डी (Sector D), जिसमें लगभग 300 अवैध मकान बने हैं, उनके व्यवस्थापन की स्थिति बनने के बाद कार्रवाई की जाए। लगभग ढाई एकड़ जमीन किसान से खरीदकर पीडि़तों को उपलब्ध भी कराने का निर्णय लिया। इसके लिए प्लॉटधारकों द्वारा ही राशि एकत्रित की जाएगी। इसमें कुछ जमीनें पूर्व में प्रशासन ने रसूखदारों से सरेंडर भी करवाई। 1100 से अधिक संस्था के सदस्य हैं। कई भूखंड ऐसे हैं, जिनमें कब्जा दिलवाना है, तो कई भूखंड नोटरी पर भी बिके हुए हैं।
अभी मुख्यमंत्री (Chief Minister) लगातार विभागों की समीक्षा भी भोपाल में कर रहे हैं, जिसमें सहकारिता विभाग की समीक्षा भी उनके द्वारा की गई, जिसमें भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए पीडि़तों को भूखंड दिलवाने के निर्देश कलेक्टरों को दिए हैं। इंदौर में भी गृह निर्माण संस्थाओं के अलावा निजी कम्पनियों द्वारा की गई धोखाधड़ी की जांच कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा सख्ती से करवाई जा रही है। अभी पिनेकल ड्रिम्स फर्जीवाड़े में लिप्त भगोड़े आरोपी पुष्पेन्द्र वडेरा को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। उससे भी लगातार पूछताछ की जा रही है, वहीं न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण संस्था की खजराना स्थित जमीन पर भी भूमाफियाओं ने जबरदस्त खेल दिखाए हैं।
बब्बू-छब्बू (babbu-chubbu) से लेकर संस्था की जमीनें अन्य रसूखदारों ने कबाड़ लीं और एक हजार से अधिक पीडि़त वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं। कल कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र हार्डिया (MLA Mahendra Hardia) के साथ न्याय नगर का दौरा किया और अधीनस्थ अधिकारियों और सहकारिता विभाग को निर्देश दिए कि पीडि़तों की शिकायतों का निराकरण कराया जाए। अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेड़ेकर के मुताबिक पूर्व में कुछ कब्जे दिलवाए गए थे, वहीं चार सेक्टर में न्याय नगर बसा है। अभी ए और बी सी सेक्टर के पीडि़तों के प्रकरणों को निराकृत करने के प्रयास किए जाएंगे। चूंकि डी सेक्टर में नोटरी पर बिके भूखंडों पर लोगों ने बिना अनुमति मकान बना लिए हैं। लगभग ऐसे 300 मकानों की जानकारी सामने आई है। चूंकि इतने सारे मकानों को एक साथ नहीं तोड़ा जा सकता, लिहाजा इनके व्यवस्थापन के प्रयास भी किए जा रहे हैं। निगम, प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister’s Housing Scheme) के तहत जो मकान बनवाए जा रहे हैं, उनमें शिफ्टिंग के प्रयास किए जाएंगे, वहीं ढाई एकड़ जमीन भी मिली है, जिसे किसान से लेकर लगभग 100 भूखंडधारकों को आवंटित की जा सकती है।
बिहाडिय़ा की चरनोई की जमीन पर बने मकानों की भी जांच जारी
सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माणों और कालोनियों के खिलाफ भी कार्रवाई लगातार जारी है। अभी बिहाडिय़ा (bihadia0 में भी सरकारी चरनोई की जमीन पर अवैध कालोनी की जानकारी सामने आने पर कलेक्टर ने जांच शुरू करवाई। एसडीएम विशाखा देशमुख इसकी जांच कर रही हैं। तहसीलदार राजेश सोनी के मुताबिक सर्वे नम्बर 264 की जमीन पूरी सरकारी चरनोई की है। यह सर्वे नम्बर दो भागों में बंटा है। लगभग 24 एकड़ सरकारी जमीन पर 50 से अधिक मकान बन चुके हैं। अभी मौके की रिपोर्ट बनाकर जांच की जा रही है कि किस तरह अवैध कालोनी काटी गई और संबंधित कालोनाइजर के खिलाफ भी प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। क्षेत्र के ग्रामीणों ने भी प्रशासन को शिकायत की है कि सरकारी जमीन पर अवैध भूखंड काटने के साथ-साथ धड़ल्ले से मकानों का निर्माण भी हो रहा है। यहां की बनी कालोनी का नाम भी बिहाडिय़ा ही रख दिया है। तहसीलदार सोनी के मुताबिक जल्द ही जांच पूरी कर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी।
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