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    शनिश्चरी अमावस्या के दिन जरूर करें ये काम, शनिदेव करेंगे कृपा

  • March 12, 2021

    इस बार 13 मार्च दिन शनिवार को पड़ रही है शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya ), आपको बता दें कि हिंदू धर्म में शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) की विशेष महिमा है। इस दिन शनिदेव (Shani Dev) की पूजा करना शुभ माना जाता है इसी के साथ इस दिन पितरों की भी पूजा की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनिदेव (Shani Dev) की पूजा करने और कुछ विशेष उपाय करने से कुण्डली में शनि दोष और शनि की साढ़े-साती या ढैय्या की चाल से बचा जा सकता है। शनैश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के दिन संपूर्ण विधि विधान से शनिदेव (Shani Dev) की पूजा अर्चना करने से सभी दोषो से मुक्ति के साथ व्‍यक्ति पर शनिदेव (Shani Dev) की कृपा भी होती है । आज इस लेख के माध्‍यम से हम आपको बतानें जा रहें हैं ऐसे उपाय जो जो शनिदोष से मुक्ति दिलानें में मददगार साबित हो सकतें हैं तो आइए जानते कुछ कि शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) पर किन कामों को करने से शनि की साढ़े-साती की चाल से छुटकारा मिल सकता है।

    शनिदोष से बचानें में मददगार होंगे ये उपाय
    अगर इस दिन आप पीपल के पेड़ पर 7 तरह के अनाज अर्पित करते हैं और सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं तो शुभ होता है।



    शनैश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के दिन अगर व्यक्ति शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करते हैं तो यह बेहद शुभ होता है।

    शनि अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के दिन शाम के समय ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ मंत्र का मन ही मन जाप करें और सरसों के तेल के दिए जलाएं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से शनि दोष दूर होता है।

    ज्योतिषियों के अनुसार, अगर आपकी कुंडली में शनि दोष की वजह से बाधा आ रही है तो आप शमी का पेड़ लगाइए। मान्यताओं के अनुसार, पेड़ के पास सरसों के तेल का दिया जलाएं और शनि देव के मंत्र – ऊँ शं यो देवि रमिष्ट्य आपो भवन्तु पीतये, शं योरभि स्तवन्तु नः’ का जाप करें।

    इस दिन शनि चालीसा (Shani Chalisa) का पाठ अवश्य करना चाहिए। इस दिन शनि मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। साथ ही इस दिन हनुमान जी की पूजा भी करनी चाहिए। इससे व्यक्ति को विशेष लाभ प्राप्त होता है।

    यदि जातक की कुण्डली में शनि की साढे-साती या ढैय्या की चाल की वजह से जीवन में परेशानियां आ रही हैं तो जातक को शनि स्रोत पढ़ना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के दिन शनि यंत्र धारण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है ।

    नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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