नई दिल्ली। श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर होने के बाद ऋद्धिमान साहा ने मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को लेकर विवादित बयान दिए थे। उन्होंने दावा किया था कि द्रविड़ ने उन्हें टेस्ट से संन्यास लेने की सलाह दी थी। वहीं, गांगुली ने कहा था कि जब तक वे बीसीसीआई के अध्यक्ष हैं तब तक उन्हें कुछ नहीं होगा। साहा के इस बयान पर द्रविड़ ने अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है वे इस विकेटकीपर बल्लेबाज के बयान से आहत नहीं हैं।
द्रविड़ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन टी-20 मैचों की सीरीज 3-0 से जीतने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बात रखी। उन्होंने साहा से जुड़े सवाल पर कहा- नहीं, मैं बिल्कुल भी आहत नहीं हूं। मैं ऋद्धिमान साहा और भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान के लिए बहुत सम्मान करता हूं। इसी सम्मान के लिए मैंने अपनी बात रखी थी।
द्रविड़ ने इसके आगे कहा- मुझे लगता है, वह ईमानदारी और चीजों को सही तरीके से जानने के हकदार थे। मैं नहीं चाहता था कि उन्हें इस बारे में मीडिया से पता चले। मुझे इस बात की कभी उम्मीद नहीं रहती है कि खिलाड़ी सभी पहलुओं को लेकर हमेशा मुझसे सहमत होंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे छिपाएं। मैं वास्तव में इस तरह की सामने से बातचीत करने में विश्वास करता हूं। इसलिए मैं इससे आहत नहीं हूं। खिलाड़ियों का परेशान और दुखी होना स्वाभाविक है।
साहा के प्रति मेरा सम्मान कम नहीं हुआ: द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने इसके साथ ही बताया कि उन्होंने क्यों साहा से ये बातें कही थीं। दरअसल, ऋषभ पंत ने अब टीम में अपना स्थान पक्का कर लिया। टीम इंडिया अब एक और युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को तैयार करना चाहती है। द्रविड़ ने कहा- ऋद्धि के लिए मेरे मन में जो सम्मान है, उसके कारण मुझे लगता है कि वह स्पष्टता के हकदार थे। ऋषभ के नंबर एक कीपर के रूप में स्थापित होने के साथ हम एक और कीपर को तैयार करना चाह रहे थे। इस घटना के बाद भी ऋद्धि के प्रति मेरे सम्मान में कोई बदलाव नहीं आया।
ऋद्धिमान साहा ने क्या कहा था?
भारतीय चयन समिति ने साहा के साथ अजिंक्य रहाणे, ईशांत शर्मा और चेतेश्वर पुजारा को श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर किया था। टीम से निकाले जाने के बाद साहा ने द्रविड़ और गांगुली के बारे में बयान दिया था। उन्होंने कहा था- टीम प्रबंधन द्वारा मुझे इस बारे में बता दिया गया था कि मेरे नाम पर आगे विचार नहीं किया जाएगा। कोच द्रविड़ ने मुझे संन्यास लेने के बारे में सोचने के लिए कहा था।
साहा ने 2010 में भारत के लिए डेब्यू किया था। पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 2014 के अंत में टेस्ट से संन्यास लेने के बाद ही उनका स्थान टीम में पक्का हो सका था। इसके बाद ऋषभ पंत की टीम इंडिया में एंट्री हुई। उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग से अपना स्थान टीम में पक्का कर लिया। इससे प्लेइंग इलेवन में साहा की वापसी मुश्किल हो गई थी।
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