संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (World Health Organization-WHO)) ने रविवार को भारत (India) की 10 लाख महिला आशा स्वयंसेवकों (10 lakh women ASHA volunteers) को सम्मानित किया। आशा स्वयंसेवकों को यह सम्मान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं (health facilities in rural areas) पहुंचाने और देश में कोरोना वायरस महामारी (corona virus epidemic) के खिलाफ अभियान में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए दिया गया है। मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता या आशा स्वयंसेवक भारत सरकार से संबद्ध स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में कार्य करते हैं. भारत में कोरोना वायरस महामारी के चरम पर रहने के दौरान रोगियों का पता लगाने के लिए घर-घर जाकर जांच करने को लेकर आशा कार्यकर्ता विशेष तौर पर चर्चा में आईं।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयेसस ने रविवार को छह पुरस्कारों की घोषणा की. ये पुरस्कार वैश्विक स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने, क्षेत्रीय स्वास्थ्य मुद्दों के लिए नेतृत्व और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करने के लिए दिए गए हैं. महानिदेशक घेब्रेयेसस ने ‘ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’ के लिए विजेताओं का फैसला किया. इन पुरस्कारों की स्थापना 2019 में की गई थी और पुरस्कार समारोह 75वीं विश्व स्वास्थ्य सभा के उच्च-स्तरीय उद्घाटन सत्र का हिस्सा था।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि सम्मानित लोगों में आशा भी हैं जिसका हिंदी में अर्थ उम्मीद है. भारत में 10 लाख से अधिक महिला स्वयंसेवकों को समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, ‘ऐसे समय, जब दुनिया असमानता, संघर्ष, खाद्य असुरक्षा, जलवायु संकट और एक महामारी का एक साथ सामना कर रही है, यह पुरस्कार उन लोगों के लिए है जिनका दुनिया भर में स्वास्थ्य की रक्षा और बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान रहा है।’
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