सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगाई रोक का दिखने लगा असर, निगम शहर के 49 प्रमुख बाजारों और टूरिस्ट स्पॉटों की लगातार कर रहा है मॉनिटरिंग
इंदौर। सिंगल यूज प्लास्टिक (single use plastic) के उपयोग पर केन्द्र (corporation) के साथ राज्य शासन ( state government) ने भी प्रतिबंध (ban) लगा दिया है। दूसरी तरफ नगर निगम (municipal corporation) लगातार इसकी मॉनिटरिंग (monitoring) कर रहा है, जिसका नतीजा यह निकला कि लगभग 8 हजार किलो प्लास्टिक का कचरा घट गया है। शहर के 49 प्रमुख बाजारों, पर्यटन स्थलों पर निगम ने विशेष निगरानी सिंगल यूज प्लास्टिक के मामले में की है और निगमायुक्त प्रतिभा पाल लगातार इसकी समीक्षा भी करती हैं और कड़ी कार्रवाई, तगड़ा जुर्माना ठोंकने के निर्देश भी दे रखे हैं।
स्वच्छता के साथ-साथ वायु प्रदूषण और प्लास्टिक से मुक्ति की दिशा में भी इंदौर निगम ने लगातार कार्रवाई की है। यहां तक कि सराफा, छप्पन दुकान सहित अन्य खाद्य सामग्री के ठियों पर डिस्पोजेबल सामग्री की बजाय स्टील के बर्तन और अन्य का इस्तेमाल शुरू करवाया। अभी सिंगल यूज प्लास्टिक पर भी प्रतिबंध लग गया है। हालांकि अभी भी इसका इस्तेमाल चोरी-छुपे किया जा रहा है, जिसके चलते निगम इन प्लास्टिक सामग्रियों की जब्ती के साथ-साथ हजारों रुपए के जुर्माने भी ठोंक रहा है। राजवाड़ा, छप्पन दुकान, मेघदूत गार्डन, रीजनल पार्क से लेकर खजराना गणेश मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, बड़ा गणपति, सराफा, कपड़ा बाजार, जेल रोड, एमजी रोड से लेकर शहर के ऐसे 49 इलाके, जहां पर सबसे अधिक भीड़भाड़ रहती है और इसके कुछ टूरिस्ट स्पॉट भी शामिल हैं, जहां पर शहर के अलावा बाहर से भी आने वाले लोग घूमते-फिरते हुए खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल भी करते हैं। निगम के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि लगातार की जा रही मॉनिटरिंग का ही यह असर है कि लगभग 8 हजार किलो प्लास्टिक के कचरे में कमी आ गई है। नगर निगम हालांकि 6 तरह का कचरा घरों और दुकानों से सुबह और शाम को एकत्रित करता है। वहीं बाजारों और इन प्रमुख स्थलों के लिए भी 30 से अधिक कचरा संग्रहण वाहन लगा रखे हैं। इसके अलावा एनजीओ की पूरी टीम भी इस कार्य में जुटी है और एक हजार से अधिक सफाईकर्मी भी इन 49 स्थानों पर सफाई में जुटे रहते हैं। यहां पर छोटी डस्टबीनें भी लगाई गई है।
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