• img-fluid

    प्लास्टिकः बिहार से सीखे पूरा भारत

  • October 20, 2021

    – डॉ. वेदप्रताप वैदिक

    बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कमार ने कुछ ऐसे साहसिक कदम उठाए हैं, जिनका अनुकरण देश के सभी मुख्यमंत्रियों को करना चाहिए। उन कदमों को दक्षिण एशिया और मध्य एशिया के पड़ोसी देश भी उठा लें तो हमारे इन सभी देशों की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था में अपूर्व सुधार हो सकता है। लगभग पांच साल पहले नीतीश ने बिहार में शराबबंदी लागू की थी। उन दिनों मैं चंपारण में गांधी सत्याग्रह के शताब्दी समारोह से लौटते हुए उनसे पटना में मिला था। मैंने उनसे कहा कि आपने बिहार के गांवों और कस्बों में तो शराबबंदी कर दी लेकिन पटना की बड़ी होटलों को छूट क्यों दे रखी है ? अब गांवों के लोग शराब के लिए पटना आएंगे और उनकी जेबें ज्यादा कटेंगी। नीतीश जी ने तुरंत अफसरों को बुलाकर मेरे सामने ही पूर्ण शराबबंदी के आदेश जारी करवा दिए।

    अब नीतीश कुमार ने एक और कमाल का फैसला किया है। उन्होंने बिहार में 14 दिसंबर 2021 से प्लास्टिक-थर्मोकाल के उत्पादन, भंडारण, खरीद, बिक्री और इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। जो इस प्रतिबंध का उल्लंघन करेगा, उस पर पांच लाख रु. जुर्माना होगा या एक साल की सजा या दोनों एक साथ होंगे। यह घोषणा जून में हुई थी। देखिए, इसका कैसा जबर्दस्त असर हुआ है। अभी पांच महीने भी नहीं गुजरे हैं कि प्लास्टिक की चीजों का उत्पादन 70 प्रतिशत घट गया है। बिहार के जो 70 हजार उत्पादक प्लास्टिक की थैलियाँ, कटोरियाँ, प्लेटें, झंडे, पर्दे, पुड़िया वगैरह बनाते थे, उनकी संख्या घटकर अब सिर्फ 20 हजार रह गई है। लगभग 15 हजार व्यापारियों ने अब कागज, गत्ते और पत्तों के दोने, प्लेट, कटोरियाँ वगैरह बेचना शुरू कर दिया है। अगले दो महीनों में हो सकता है कि बिहार प्लास्टिक मुक्त ही हो जाए।

    लोग प्लास्टिक की थैलियों की जगह कागज और कपड़ों की थैलियां और पूड़े इस्तेमाल करना शुरू कर दें जैसे कि अब से 40-50 साल पहले करते थे। प्लास्टिक की बोतलों, किताबों और कप-प्लेटों की जगह अब मिट्टी और कागज से बने बर्तनों का इस्तेमाल होने लगेगा। इस नए अभियान के कारण हमारे लाखों कुम्हारों, बढ़इयों और दर्जियों के लघु-उद्योग फिर से पनप उठेंगे। लोगों का रोजगार बढ़ेगा। फैक्टरियां जरूर बंद होंगी लेकिन वे अपने लिए नयी चीजें बनाने की तकनीक खोज लेंगी। सबसे बड़ा फायदा भारत की जनता को यह होगा कि वह कैंसर, लीवर, किडनी और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियों के शिकार होने से बचेगी। प्लास्टिक की करोड़ों थैलियां समुद्र में इकट्ठी होकर जीव-जंतुओं को तो मारती ही हैं, उनके जलने से हमारा वायुमंडल जहरीला हो जाता है। सरकारें बिहार के रास्ते को अपना रास्ता जरूर बनाएं लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि भारत के जन-साधारण प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल खुद ही बंद कर दें तो उनके विरुद्ध कानून बने या न बने, भारत प्लास्टिमुक्त हो ही सकता है।

    (लेखक वरिष्ठ पत्रकार और जाने-माने स्तंभकार हैं।)

    Share:

    शरद पूर्णिमा आज, चांद की रोशनी में खीर रखने से होंगे ये लाभ, पढ़ें ये मंत्र

    Wed Oct 20 , 2021
    नई दिल्ली। आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा(Sharad Purnima 2021) कहते हैं. इस तिथि से शरद ऋतु प्रारंभ होती है, इसलिए इसे शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima 2021) कहा जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं कि प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने इसी दिन महारास रचाया था. ज्योतिषविदों […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शनिवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved