नई दिल्ली। नीदरलैंड में हुए एक शोध में बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां के वैज्ञानिकों ने पाया है कि इंसान के खून में माइक्रोप्लास्टिक सामने आए हैं। शोध के बाद यह बताया गया कि प्लास्टिक के बेहद महीन कण खून में पाए गए हैं। इस शोध के बाद वैज्ञानिक हैरान हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है। इस शोध ने एक नई चर्चा को भी जन्म दे दिया है। फिलहाल इस पर आगे की जांच शुरू हो गई है।
दरअसल, द गार्जियन ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि ऐसा पहली बार हुआ है और यह बेहद खतरनाक है। शोध के बारे में वैज्ञानिकों ने बताया है कि इसके लिए 22 स्वस्थ लोगों के खून के सैंपल लिए थे। इनमें से 17 के खून से माइक्रोप्लास्टिक मिले हैं। शोध में शामिल किए गए सभी 22 लोग बिलकुल स्वस्थ थे और उन्हें किसी तरह की बीमारी नहीं थी। इसके बाद भी जब टेस्ट सैंपल में प्लास्टिक के कण निकले तो वैज्ञानिक हैरान रह गए।
रिपोर्ट में नीदरलैंड के प्रोफेसर के हवाले से बताया गया है कि यह काफी शॉकिंग है क्योंकि प्रदूषण की वजह से ऐसा हुआ है कि सांस लेने के साथ इंसान की बॉडी के अंदर प्लास्टिक जाने लगा है। यह धूल के कण की तरह बनकर अंदर चले जाते हैं और इसके बाद बॉडी ऑर्गन्स को अंदर से जाम करने लगते हैं। ये प्लास्टिक के छोटे टुकड़े बॉडी के अंदर जाकर ऑर्गन्स में चिपक जाते हैं और उसे ब्लॉक कर देते हैं। यह आगे चलकर काफी खतरनाक हो सकता है।
इससे पहले कई शोध में यह बात सामने आई है कि माइक्रोप्लास्टिक के कण लोगों के दिमाग पेट और बच्चों के प्लासेंटा में चिपका पाया गया था, लेकिन खून में माइक्रोप्लास्टिक पहली बार मिला है। इस घटना के सामने आने के बाद ही वैज्ञानिक लोग आगे की प्रक्रिया के बारे में जांच कर रहे हैं। एक तथ्य यह भी है कि काफी समय पहले से लोगों से प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने की रिक्वेस्ट की जा रही है। हालांकि प्लास्टिक का उपयोग जारी है।
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