img-fluid

प्लास्टिक बना जान का दुश्मन, जानिए रिसर्च में क्या हुआ बड़ा खुलासा

April 11, 2022

नई दिल्ली: प्लास्टिक (Plastic) हमारी जिन्दगी का अनिवार्य हिस्सा बन चुकी है. चाहे हमें पानी पीना हो, बाजार से कुछ सामान लाना हो, हमारा घर हो या दफ्तर. प्लास्टिक हर जगह मौजूद है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि यही प्लास्टिक हमारे शरीर (Human Body) में भी जगह बना रही है. ब्रिटेन (Britain) की हल यूनिवर्सिटी (University of Hull) की रिसर्च में हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. रिसर्च में पता चला है कि ये प्लास्टिक हमारी जिन्दगी ही नहीं हमारे फेफड़ों तक भी पहुंच चुकी है. जानिए पूरी रिसर्च क्या कहती है.

सिर्फ 1% के नसीब में साफ हवा
आज पूरी दुनिया चैन की ही नहीं, साफ हवा में सांस लेने के लिए भी जूझ रही है. हवा जहरीली हो चुकी है और इस जहर को सांस के जरिए धीरे-धीरे पीना हमारी मजबूरी बन चुकी है. WHO की मानें तो पूरी दुनिया में सिर्फ 1 प्रतिशत लोग ही साफ हवा में सांस ले पा रहे हैं. यानी दुनिया के 99 प्रतिशत लोगों को सांस लेने के लिए ताजी और साफ हवा तक नसीब नहीं है.

लेकिन इस जहर में भी एक ऐसा जहर समाया है, जिसकी काट किसी के पास नहीं. दरअसल एक रिसर्च के दौरान इंसान के फेफड़ों में पहली बार प्लास्टिक के कण मिले हैं. ब्रिटेन की हल यूनिवर्सिटी की रिसर्च में पता चला है कि हम अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी में जो प्लास्टिक इस्तेमाल करते हैं. वो हवा में घुलकर हमारे शरीर में पहुंच रही है.

फेफड़ों में मिले प्लास्टिक के कण
ये जानकारी तब सामने आई, जब ब्रिटेन के 13 लोग अपने फेफड़ों में इंफेक्शन (Lungs Infection) का इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे. इन सभी का ऑपरेशन किया जाना था. लेकिन तभी वैज्ञानिकों को शक हुआ और उन्होने जांच के लिए सभी के फेफड़ों के टिश्यूज सैंपल के तौर पर निकाल लिए. लेकिन जब इन सैंपल की जांच की गई तो वैज्ञानिक भी हैरान रह गए. इन 13 लोगों में 11 के फेफड़ों में प्लास्टिक के कण पाए गए.


स्टडी के मुताबिक जिन 11 लोगों के फेफड़ों में प्लास्टिक मिली है. उनमें सबसे ज्यादा मात्रा पॉलिप्रॉपिलीन की है. ये वही प्लास्टिक है जिससे पॉलिबैग यानी पतली प्लास्टिक के थैले बनाए जाते हैं. लोगों के फेफड़ों में ये प्लास्टिक करीब 23% प्रतिशत तक मिली है. दूसरे नंबर पर आती है PET यानी वो प्लास्टिक जिससे पानी को बोतलें बनाई जाती हैं. फेफड़ों में इसकी भी 18% मात्रा मिली है जबकि जिस रेजिन प्लास्टिक से बोरियां बनती हैं. उसकी 15 प्रतिशत मात्रा भी फेफड़ों में पाई गई. दूसरे किस्म की अलग-अलग प्लास्टिक की 16 प्रतिशत मात्रा भी इंसानी फेफड़ों में मिली है.

खून में प्लास्टिक होने की पुष्टि
इससे पहले हमने आपको इंसान के खून में प्लास्टिक मिलने के बारे में बताया. नीदरलैंड की एक यूनिवर्सिटी की उस रिपोर्ट में 80 प्रतिशत इंसानों के खून में प्लास्टिक होने की जानकारी दी गई थी. इन वैज्ञानिकों ने 22 लोगों के खून के नमूनों की जांच की थी, जिसमें 17 लोगों के खून में प्लास्टिक के कण पाए गए. यानी 80 प्रतिशत लोगों के खून में प्लास्टिक पाई गई.

सबसे हैरान करने वाली बात ये थी कि इन 17 में से 8 लोगों के शरीर में पॉलीइथिलीन टेरेफ्थेलेट (Polyethylene Terephthalate) यानी PET के कण मिले थे. ये वही प्लास्टिक है, जिससे आम तौर पर पानी की बोतलें बनाई जाती हैं. 5 लोगों के खून में पॉलीस्टरीन (Polystyrene) के कण मिले, इस प्लास्टिक का इस्तेमाल खाने-पीने के सामान जैसे बिस्किट, चिप्स की पैकेजिंग में किया जाता है. वहीं 4 लोगों के खून के नमूनों में पॉलीएथलीन (Polyethylene) के कण मिले, हम प्लास्टिक के जिन थैलों का इस्तेमाल करते हैं, वो इसी पॉलिएथलीन से बनाई जाते हैं.

शरीर में कैसी हुई एंट्री?
अब नई रिसर्च के बाद काफी हद तक ये साफ हो गया है कि ये प्लास्टिक पहले हवा में घुलकर सांस के जरिए लोगों के फेफड़ों तक पहुंची और वहां से उनके खून तक पहुंच गई. एक्सपर्ट्स की मानें तो प्लास्टिक के इंसान के शरीर में जाने का ये कोई अकेला रास्ता नहीं है. मछलियों या जानवरों के पेट में मौजूद प्लास्टिक भी नॉनवेज खाने के साथ शरीर के अंदर पहुंच सकती है.

दरअसल प्लास्टिक लोगों की जिन्दगी का हिस्सा बन चुकी है. बाजार से सब्जियां, फल लाने हों, दवाइयां या कपड़े खरीदने हों या फिर पानी ही क्यों न पीना हो. प्लास्टिक हर जगह मौजूद है. बिना प्लास्टिक आज जिन्दगी की कल्पना तक नहीं की जा सकती. हालांकि आपकी सावधानी आपको इस खतरे से बचा सकती है. आपके शरीर में प्लास्टिक न पहुंचे, इसके लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी होंगी.

बचाव के लिए करें ये काम
इसके लिए प्लास्टिक के बर्तन में गर्म खाना ना खाएं. प्लास्टिक की जगह स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए. प्लास्टिक के कप में चाय पीने के बजाय कुल्हड़ का इस्तेमाल करें. प्लास्टिक के सामान और कचरे को खुले में कभी न फेंके. पानी पीना हो तो, प्लास्टिक की बोतल की जगह तांबे, स्टील या कांच की बोतलों का ही इस्तेमाल करें. यानी अगर आप थोड़ी सी सावधानी रखेंगे तो प्लास्टिक के इस जानलेवा खतरे से दूर रहने के साथ सेहतमंद भी रह सकते हैं.

Share:

ICICI ग्राहकों को लगा झटका, paylater सर्विस हुई महंगी, जानिए कितनी महंगी हुई सुविधा

Mon Apr 11 , 2022
नई दिल्ली: आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) बैंक के ग्राहकों के लिए जरूरी खबर है. आईसीआईसीआई पे लेटर (ICICI PayLater) यूज करने वाले ग्राहकों को अब इस खास सुविधा का लाभ उठाने के लिए एक्स्ट्रा चार्ज (Service Charge) देना पड़ेगा. अभी तक इस सर्विस के लिए कोई चार्ज नहीं चुकाना होता था. हालांकि इसके लिए अलग-अलग […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
मंगलवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2024 Agnibaan , All Rights Reserved