प्रयागराज। लापरवाही की एक सीमा होती है, लेकिन ऐसी लापरवाही (Negligence) भी कैसी कि यही होश नहीं कि मरीज को प्लाज्मा चढ़ाया जा रहा है या मौसंबी का जूस(Mosambi juice) . उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (Prayagraj) से ये घटना सामने आई है. यहां एक अस्पताल में डेंगू के मरीज को कथित तौर पर प्लाज्मा (plasma) की जगह मौसंबी का जूस दे दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने पुलिस और स्वास्थ विभाग के अफसरों से इस मामले में शिकायत की है. इस पर सीएमओ ने अस्पताल (hospital) का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है.
इसके साथ ही गुरुवार को अस्पताल सील कर दिया गया है. इस मामले में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने भी ट्वीट किया है. आईजी रेंज प्रयागराज डॉ राकेश कुमार सिंह ने भी कार्रवाई करने की बात कही है.
उनका कहना है कि प्रदीप को 17 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती किया गया था. इसके बाद 19 अक्टूबर को उसे गलत प्लेटलेट्स चढ़ा दी गई. जिससे उसकी मौत हो गई.
परिजनों ने लाकर दिया था प्लेटलेट्स
निजी अस्पताल के मालिक ने दावा किया कि प्लेटलेट्स किसी अन्य चिकित्सा केंद्र से लाए गए थे और तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाए जाने के बाद मरीज को दिक्कत होने लगी थी.अस्पताल के मालिक सौरभ मिश्रा ने बताया कि प्रदीप पांडेय डेंगू से पीड़ित था और वह उनके अस्पताल में भर्ती हुआ था. उन्होंने कहा कि मरीज का प्लेटलेट्स का स्तर गिरकर 17,000 पर आने के बाद उसके तीमारदारों को प्लेटलेट्स लाने को कहा गया. उन्होंने बताया कि मरीज के तीमारदार स्वरूप रानी नेहरु (एसआरएन) चिकित्सालय से पांच यूनिट प्लेटलेट्स लेकर आए, लेकिन तीन यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद मरीज को दिक्कत हुई तो चिकित्सकों ने प्लेटलेट्स चढ़ाना बंद कर दिया.
उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की जांच करने की कोई सुविधा उनके अस्पताल में नहीं है. मिश्रा ने कहा कि जो प्लेटलेट्स मरीज को नहीं चढ़ाए गए, उनकी जांच कराई जानी चाहिए कि ये प्लेटलेट्स कहां से लाए गए. उन्होंने कहा कि प्लेटलेट्स की बोतल पर एसआरएन का स्टिकर लगा हुआ है.
पुलिस कर रही है मामले की जांच
मामले पर आईजी प्रयागराज राकेश सिंह का कहना है कि फर्जी प्लेटलेट्स सप्लाई की जांच की जा रही है. कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. मरीज को चढ़ाया गया मौसंबी फल का जूस है या कुछ और इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है.
सीएमओ ने दिए जांच के आदेश
सीएमओ डॉ नानक सरन ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. इसके लिए तीन सदस्यों वाली कमेटी बनाई गई है, जो पूरे मामले की जांच करेगी. इसके बाद ही पता चलेगा की प्लेटलेट के पैकेट में क्या था जिसको चढ़ाने से मरीज की हालत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. अस्पताल की लापरवाही मानते हुए निजी अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है. इसके साथ ही अस्पताल को सील करने का आदेश भी दिया है.
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