डेस्क: हिंदू धर्म (Hindu Religion) में पितृ पक्ष (paternal side) को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इन दिनों में पूर्वजों और पितरों (ancestors and ancestors) की आत्मा की तृप्ति (gratification of soul) के लिए श्राद्ध कर्म (shraadh ceremony) एवं पिंड दान किया जाता है. जिससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद प्रदान करते हैं. कहा जाता है कि पितरों के आशीर्वाद से घर-परिवार में सुख-संपन्नता, धन-दौलत (wealth) और मान-सम्मान (respect) की वृद्धि होती है.
लेकिन शास्त्रों के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए एक काम और भी किया जा सकता है और वो है पितृ पक्ष के दिनों में पौधारोपण करना. पितृ पक्ष में पितर की श्राद्ध तिथि के दिन कुछ खास पौधे रोपने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं. आइये जानते हैं उन पौधों के बारे में जिनको पितृ पक्ष के दिनों में रोपा जा सकता है.
पीपल का पेड़ : कहा जाता है कि अपने पितर की श्राद्ध तिथि के दिन पीपल का पौधा रोपने से उनका आशीर्वाद मिलता है. माना जाता है कि पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. जिसकी वजह से इस पेड़ को देव वृक्ष भी कहा जाता है. इसके साथ ही ये भी माना जाता है कि पीपल के पेड़ पर पितरों का वास भी होता है. इसी वजह से मरणोपरांत कर्म कांड के दौरान जो खाना मृतक व्यक्ति के लिए निकाला जाता है उसको पीपल के पेड़ के नीचे भी रखा जाता है.
मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर रहने वाले पितर इन पेड़ों से ही सूक्ष्म रुप में श्राद्ध तिथियों पर अपने वंशजों के पास आते हैं. पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त निकाले गए अन्न को ग्रहण कर ये वायु रूप में पीपल के पेड़ पर वापस चले जाते हैं. इसलिए कहा जाता है कि श्राद्ध तिथि पर किसी मंदिर या अन्य पवित्र स्थान पर पीपल का पेड़ लगाना चाहिए.
बरगद का पेड़ : पितृ पक्ष के दिनों में अपने पितर के श्राद्ध की तिथि पर आप बरगद का पौधारोपण भी कर सकते हैं. इससे भी पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. इस पौधे को लगाने के बाद इसमें घर के सभी सदस्यों को जल भी देना चाहिए. कहा जाता है कि ऐसा करने से इस जल का भाग पितरों को सीधे तौर पर मिल जाता है, जिससे वे तृप्त होते हैं. अगर ये पौधारोपण घर में मौजूद छोटा बच्चा करता है तो ये और भी बेहतर माना जाता है.
इन पौधों को भी लगा सकते हैं
पितृ पक्ष के दिनों में पितर के श्राद्ध की तिथि पर अगर आप चाहें तो पीपल और बरगद के अलावा तुलसी, आम, कुशा, चिचड़ा, खैर, मदार, पलाश और जामुन का पौधा भी लगा सकते हैं. कहा जाता है कि इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. इतना ही नहीं, धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके सारे कर्मकांड पीपल के पेड़ के नीचे किए जाएं, तो इससे उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही तर्पण कार्य में तुलसी के प्रयोग से पितर संतुष्ट होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.
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