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    महंगाई पर कंट्रोल करने की हो गई प्लानिंग, पेट्रोल और डीजल होगा सस्ता!

  • December 13, 2023

    नई दिल्ली (New Delhi)। सोमवार को भारत (India) से लेकर अमेरिका (America) और खाड़ी देशों (gulf countries) तक काफी कुछ देखने को मिला. जिसने जनवरी और फरवरी (January and February) में होने वाले अहम बदलावों की ओर इशारा (Pointing towards important changes) कर दिया है. भारत में महंगाई दर में इजाफा (increase in inflation rate) देखने को मिला. जिसकी चिंता आरबीआई भी जता चुका है. दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में 3 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. अमेरिकी तेल 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ चुका है और खाड़ी देशों के तेल की कीमत भी 73 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है. कच्चे तेल की कीमतें ऐसे समय पर कम हो रही है, जब भारत पेट्रोल और डीजल की कीमत को कम करने का विचार कर रहा है।

    जानकारी के मुताबिक देश के दो मंत्रालयों फाइनेंस मिनिस्ट्री और तेल मंत्रायल के बीच मंथन खत्म हो चुका है. जनवरी के महीने में या तो सरकार या ऑयल कंपनियों की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती की शुरूआत हो सकती है।


    सरकार पेट्रोल और डीजल के आसरे कई निशाने लगाने की तैयारी कर रही है. महंगाई और ईएमआई को कम करने की सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है. आम लोगों को बढ़ती ईएमआई से तब तक निजात नहीं मिल सकती है, जब तक महंगाई 4 फीसदी के दायरे में नहीं आ जाती है. सरकार किसी भी सूरत में फरवरी से पहले महंगाई को 4 फीसदी के दायरे में लाना चाहती है, ताकि फरवरी साइकिल में आरबीआई के थ्रू ब्याज दरों में कटौती कराई जा सके. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कच्चे तेल के खेल से बाहर निकल भारत सरकार आम लोगों को पेट्रोल और डीजल के सहारे कई राहत कैसे देने जा रही है।

    महंगाई को कंट्रोल करने की प्लानिंग
    सरकार जनवरी से पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती करने की प्लानिंग कर चुकी है. जानकारी के अनुसार देश के संबंधित मंत्रालयों के बीच मंथन हो चुका है. अब इस बात पर बात हो रही है कि इसकी घोषणा वित्त मंत्रालय की ओर से कराई जाए. या फिर ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को इशारा कर दिया जाए कि पेट्रोल और डीजल की कीमत में धीरे—धीरे कटौती शुरू करें. ताकि देश मेंं बढ़ती महंगाई को कंट्रोल किया जा सके. नवंबर के महीने में सब्जियों की बढ़ती कीमतों की वजह से फूड इंफ्लेशन 9 फीसदी के करीब पहुंच गया. जिसकी वजह से महंगाई के आंकड़ा 5.55 फीसदी देखने को मिला. फ्यूल के दाम कम होंगे तो महंगाई में भी कंट्रोल देखने को मिलेगा. सरकार चाहती है कि दिसंबर और उसके बाद जनवरी में महंगाई के आंकड़ें को 4 फीसदी के दायरे में लाया जाए।

    ईएमआई कम करने की प्लानिंग
    सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम को कम करने के मामले को महंगाई से तो जोड़ दिया, जो समझ भी आता है, लेकिन आम लोगों की ईएमआई से पेट्रोल और डीजल का क्या कनेक्शन है. ये बात किसी को हजम नहीं हो रही. वास्तव में सरकार पेट्रोल और डीजल के सहारे महंगाई को 4 फीसदी के दायरे मेंं लाकर आरबीआई के थ्रू रेपो रेट कम कराने की प्लानिंग कर रही है. मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी एमपीसी मीटिंग फरवरी के महीने में अंतरिम बजट के बाद होनी है. इस बार ये एमपीसी मीटिंग सरकार के लिए अंतरिम बजट से ज्यादा अहम है. क्योंकि सरकार इस मीटिंग में आरबीआई को ब्याज दरों में कटौती का इशारा कर सकती है. मौजूदा समय में रेपो रेट 6.50 फीसदी है. जिसे फरवरी में 6 फीसदी और लोकसभा चुनाव से पहले अप्रैल के महीने में 5.50 फीसदी पर लाने की योजना पर काम हो रहा है।

    कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट जारी
    भारत सरकार और देश की ऑयल मिनिस्ट्री के साथ ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के सबसे अच्छी बात ये है कि कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. जोकि साल 2024 में भी रहने वाली है. डिमांड कम है और सप्लाई ज्यादा है. जिसकी वजह से ओपेक प्लस के सप्लाई कट की प्लानिंग भी फेल हो रही है. आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो मंगलवार को खाड़ी देशों का तेल ब्रेंट क्रूड 3.7 फीसदी गिरावट के साथ 73.24 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी तेल डब्ल्यूटीआई 3.8 फीसदी की गिरावट के साथ 68.61 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।

    2024 में भी कम रह सकती हैं कीमतें
    खास बात तो ये है कि साल 2024 में भी ऑयल की कीमतें कम रह सकती है. उसका प्रमुख कारण ओपेक और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के बीच मतभेद के कारण है. जिसकी वजह से डिमांड ग्रोथ कम रह सकती है. ओपेक और आईईए दोनों ने इस सप्ताह अपने पूर्वानुमान अपडेट किए हैं. केप्लर के एनालिस्ट मैट स्मिथ ने कहा कि मौजूदा समय में ऑयल को लेकर नेगेटिव सेंटिमेंट काफी हावी हैं. उन्होंने कहा कि कमजोर डिमांड और सप्लाई पर अंकुश लगाने के लिए ओपेक+ एग्रीमेंट से बाजार में कीमतों पर दबाव को संतुलित करने में पर्याप्त मदद नहीं मिलेगी. ओपेक+ पहली तिमाही में सप्लाई आपूर्ति 2.2 मिलियन बैरल प्रति दिन सीमित करने पर सहमत हो गया है।

    भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत
    वहीं दूसरी ओर भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बदलाव देखने को नहीं मिला है. देश के महानगरों में आखिरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में 21 मई के दिन बदलाव देखने को मिला था. उस वक्त देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में टैक्स को कम किया था. उसके बाद कुछ प्रदेशों ने वैट को कम या बढ़ाकर कीमतों को प्रभावित करने का प्रयास किया था. दिलचस्प बात ये है कि जब से देश में इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमत में रोज बदलाव होने की शुरुआत हुई है, तब से यह पहला मौका है जब पेट्रोलियम कंपनियों ने रिकॉर्ड टाइमलाइन के दौरान कोई बदलाव नहीं किया है।

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