उज्जैन। शहर का सबसे बड़ा थोक किराना व्यवसाय का क्षेत्र फव्वारा चौक और दौलतगंज है। इस क्षेत्र में अतिक्रमण दूर करने के लिए नगर निगम ने पिछले दिनों मुहिम चलाई थी जो सफल भी रही लेकिन हमेशा ऐसा रहेगा इसमें लोगों को शंका है। इसके चलते स्थाई हल करना चाहिए। पहले भी कई प्रस्ताव आए लेकिन वह सब ठंडे बस्ते में चले गए। नई सड़क पर फव्वारा चौक के आसपास बड़े-बड़े व्यापारी प्रतिष्ठान और थोक व्यापारी व्यवसाय करते हैं। यहाँ हमेशा छोटे लोडिंग वाहनों और रात्रि में बड़े ट्रकों की आवाजाही लगी रहती है, वहीं दिन में भी सबसे बड़ी समस्या यहाँ पार्किंग की आती है। नगर निगम की गैंग ने दुकानों से अतिक्रमण हटाए और ठेले वालों को भी सड़क के एक तरफ खड़े रहने को कहा। इससे कुछ दिनों से फव्वारा चौक अच्छा दिख रहा है। लेकिन यह स्थाई हल नहीं है। इसी भीड़ एवं पार्किंग की समस्या को देखते हुए 10-12 साल पूर्व में व्यापारी एसोसिएशन ने फव्वारा चौक गार्डन के नीचे से अंडरपास देने की बात कही थी लेकिन इस अंडरपास को बनाने में व्यावहारिक करना ही थी क्योंकि इसे बनाने में करीब 2 वर्ष का समय लगता और सघन बस्तियों में अंडरपास बनाने में जमीन खिसकने का खतरा रहता है। इसी को देखते हुए यह उस समय लागू नहीं हो पाई और ना इसके टेंडर हुए।
तत्कालीन पार्षद सत्यनारायण चौहान ने उस समय सुझाव दिया था कि शहर के बीचों-बीच नई सड़क पर इतना बड़ा उद्यान है। इस उद्यान को छोटा कर दिया जाए, जहाँ सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा और जैन स्तंभ है उन स्थानों के आसपास के क्षेत्र का सौंदर्यीकरण कर दिया जाए और उसके आसपास पार्किंग की व्यवस्था कर दी जाए। बाजार में सबसे बड़ी दिक्कत सुलभ शौचालय की भी है, यहाँ मिनी सुलभ शौचालय भी बनाने का भी सुझाव दिया गया था लेकिन कुछ लोगों के विरोध के बाद यह प्रस्ताव की ठंडे बस्ते में चले गए। अब फिर से नगर निगम ने यहाँ आसपास अतिक्रमण हटाया है और उद्यान के आसपास पार्किंग नहीं करने को कहा है। ऐसे में व्यापारियों को वाहन पार्क करने की बहुत दिक्कत आएगी, क्योंकि नगर निगम जो स्थान बता रहा है वह दूध तलाई का पटवारी स्कूल के पास है और वहाँ से इस बाजार क्षेत्र की दुकानें दूर हैं। उन गाडिय़ों की सुरक्षा कैसे होगी। इसको लेकर व्यापारी पशोपेश में पड़े हुए हैं। अब नगर निगम ने जब अतिक्रमण हटा दिया है तो यहाँ के लिए कोई स्थाई योजना भी बनाना चाहिए।
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