लंदन (London)। ब्रिटेन (Britain) में 65 साल बाद फिर से अनिवार्य सैन्य सेवा (compulsory military service) को लागू करने की योजना का ऐलान प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Prime Minister Rishi Sunak) ने किया है। यह घोषणा आगामी आम चुनावों से पहले की गई है, जिसमें सुनक ने कहा कि अगर उनकी कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में आती है, तो 18 साल के सभी युवाओं के लिए 12 महीने की अनिवार्य सैन्य सेवा लागू की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना और युवाओं को अनुशासन और कौशल सिखाना है। आइए, जानते हैं दुनिया के किन देशों में यह सख्त नियम और भारत में क्यों नहीं लागू है यह योजना
कंजर्वेटिव पार्टी की क्या है योजना, 4 पॉइंट
पार्टी ने कहा है कि मौजूदा समय में देश के 18 साल से ऊपर के युवाओं को दो अनिवार्य सैन्य ट्रेनिंग के दो विकल्प मिलेंगे
पहला विकल्प यह होगा की हर वीकेंड पर मिलिट्री ट्रेनिंग का होगा। इसके तहत एक साल में 25 दिन की आर्मी ट्रेनिंग दी जाएगी।
दूसरा विकल्प यह होगा कि युवाओं के लिए सेना में 30,000 वैकेंसी रिजर्व, जिसमें देश के युवका इच्छा अनुसार आवेदन कर सकेंगे।
युवाओं के लिए नेशनल आर्मी सर्विस में सेवा देना अनिवार्य होगा। मना करने वालों युवाओं पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा सकती है।
अनिवार्य सैन्य सेवा वाले अन्य देश
दुनिया के कई देशों में पहले से ही अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है आइए जानते हैं ये देश कौन-कौन से हैं। इन देशों में अनिवार्य सैन्य सेवा के नियम कितने सख्त हैं और यदि इन देशों में इस नियम को नहीं माना गया तो किस प्रकार का एक्शन लिया जा सकता है, या फिर कौन सी पाबंदियां लगाई जा सकती हैं।
रूस: 18 से 27 साल के युवाओं के लिए 12 महीने की अनिवार्य सैन्य सेवा है। मना करने पर जुर्माना और जेल की सजा होती है।
उत्तर कोरिया: उत्तर कोरिया में पुरुषों को 10 साल और महिलाओं को 7 साल सेवा देना अनिवार्य है। मना करने पर जेल हो सकती है।
दक्षिण कोरिया: दक्षिण कोरिया में पुरुषों को 21 से 24 महीने की सेवा देनी होती है। नहीं करने पर जुर्माने और जेल का प्रावधान है।
इजराइल: यहूदियों के लिए पुरुषों को 2 साल 8 महीने और महिलाओं को 2 साल की सेवा देना अनिवार्य है। मना करने पर सजा हो सकती है।
ब्राजील: 12 महीने के लिए सैन्य प्रशिक्षण लेना जरूरी है। इससे मना करने पर वोटिंग अधिकार और चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जाती है।
ईरान: 18 से 24 महीने की अनिवार्य सेवा जरूरी है। इससे मना करने पर सरकारी नौकरी और विदेश जाने पर प्रतिबंध लग जता है।
तुर्की: 6 महीने की अनिवार्य सेवा, जिसे 6 महीने और बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, शिक्षा और स्वास्थ्य के आधार पर इससे राहत मिल सकती है।
क्यूबा: 17 से 28 साल के पुरुषों को 2 साल की अनिवार्य सेवा, महिलाओं को छूट। मना करने पर जुर्माना या जेल हो सकती है।
स्विट्जरलैंड: 20 साल से ऊपर के पुरुषों को 21 हफ्तों की अनिवार्य सेवा। यहां भी इससे मना करने पर जुर्माने या जेल का प्रावधान है।
स्वीडन: 9 से 12 महीने की अनिवार्य सेवा, पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए। इससे मना करने वालों को जेल हो सकती है।
भारत में अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान क्यों नहीं है?
भारत में अनिवार्य सैन्य सेवा का कोई प्रावधान नहीं है। 2014 में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, और यहां हर किसी को अपना पेशा चुनने का अधिकार है। सरकार का मानना है कि सभी युवाओं को मिलिट्री ट्रेनिंग देने से देश का सैन्यीकरण हो सकता है, और मिलिट्री ट्रेनिंग लेने के बाद कुछ बेरोजगार युवा असामाजिक तत्वों के साथ शामिल हो सकते हैं।
भारत में अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान नहीं है, क्योंकि यहां के संवैधानिक और सामाजिक ढांचे में यह फिट नहीं बैठता। इसके बजाय, भारत ने स्वैच्छिक भर्ती और अग्निवीर जैसी योजनाओं को अपनाया है, जो युवाओं को सेना में सेवा का अवसर प्रदान करती हैं।
अनिवार्य सैन्य सेवा पर प्राइवेट बिल
भारत में 2019 और 2022 में लोकसभा में दो प्राइवेट बिल पेश किए गए थे, जो अनिवार्य सैन्य सेवा से जुड़े थे। साल 2019 में बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने इससे जुड़ा विधयेक लेकर पेश किया था। इसमें 18 महीने की सैन्य सेवा का प्रावधान किया, जिसमें 6 महीने की ट्रेनिंग शामिल थी। इसके बाद साल 2022 में बीजेपी सांसद भोला सिंह ने इसी प्रकार का बिल पेश किया था, जिसमें 12 महीनों की अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान किया।
क्या है भारत सरकार की अग्निवीर योजना
2022 में भारत सरकार अग्निवीर योजना लेकर आई थी। इसके तहत 17.5 से 21 साल तक के युवाओं को चार साल सेना में सेवा करने का मौका मिलता है। चार साल बाद 25% युवाओं को सेना में बरकरार रखा जाएगा। वहीं, बाकी के सैनिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। इसमें अग्निवीर सैनिकों को रिटायरमेंट पर एक एकमुश्त राशि देने का प्रावधान है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टी इस योजना का विरोध कर रही हैं। कांग्रेस ने कहा है कि अगर वह सत्ता में आती है तो इस योजना को खत्म कर देगी।
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