नई दिल्ली: इंटरनेशनल फोरम पर भारत लगातार अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करा रहा है. साथ ही मोदी सरकार अमेरिका से लेकर यूरोप तक की महाशक्तियों के साथ स्ट्रैटजिक रिलेशंस को मजबूत कर उसे नई ऊंचाई देने में जुटी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल इसमें बड़ी और अहम भूमिका निभा रहे हैं.
खासकर NSA अजित डोभाल रणनीतिक से लेकर रक्षा संबंधों को मजबूत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी सिलसिल में अजित डोभाल 30 सितबंर से 1 अक्टूबर 2024 तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे. वह इंडिया-फ्रांस स्ट्रैटजिक डायलॉग में हिस्सा लेने के लिए पेरिस जाएंगे. इस दौरान न्यूक्लियर अटैक सबमरीन, 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट एयरक्राफ्ट इंजन और अंडरवाटर ड्रोन खरीद और निर्माण करार पर डील पक्की होने की उम्मीद है.
NSA अजित डोभाल की इस मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों से भी मुलाकात होने की संभावना है. बता दें कि राफेल फाइटर जेट डील के बाद भारत न्यूक्लियर अटैक सबमरीन, 110 किलो न्यूटन थ्रस्ट एयरक्राफ्ट इंजन और अंडरवाटर ड्रोन को लेकर भी फ्रांस के साथ पार्टनरशिप करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
फ्रांस की मैक्रों सरकार इन सेक्टर्स में भारत के साथ चर्चा करने के साथ ही निर्माण प्रक्रिया में सहयोग करने को भी तैयार है. अजित डोभाल की फ्रांस यात्रा के दौरान स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप पर मुहर लगने की पूरी संभावना है. राफेल डील के बाद अब भारत समंदर के अंदर भी दुश्मनों के दांत खट्टे करने की पूरी तैयारी में जुटा है.
हिन्द महासागर में चीन के बढ़ते घुसपैठ को देखते हुए भारत को समंदर में अपनी तैयारी को और पुख्ता करने की जरूरत है. इसके लिए एक तरफ जहां एडवांस्ड एयरक्राफ्ट करियर के डेवलपमेंट के साथ ही सबमरीन की ताकत बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जाने लगा है. इस मामले में भारत को जल्द ही नई ताकत मिल सकती है. दरअसल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार इंडिया-फ्रांस स्ट्रैटजिक डायलॉग के लिए पेरिस जा रहे हैं.
इस दौरान खासकर न्यूक्लियर अटैक सबमरीन और अंडरवाटर ड्रोन को लेकर होने वाली डील पर सबकी निगाहें टिकी हैं. न्यूक्लियर सबमरीन समय की मांग हो चुकी है, जबकि अंडरवाटर ड्रोन या अंडर-सी ड्रोन की जरूरत भी महसूस होने लगी है. अंडरवाटर ड्रोन की मदद से केवल सी-रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दुश्मन की हर चाल पर नजर रखना भी आसान हो जाएगा. पानी के अंदर एक्टिव रहने वाला ड्रोन इन-बिल्ट सेंसर या फिर रिमोट सेंसर से ऑपरेट होता है.
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