74 साल पुराने इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क का फिर लौट रहा गौरव
इंदौर । रेसीडेंसी क्षेत्र में इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क (Indore School of Social Work) की शुरुआत आजादी (independence) के बाद हो गई थी। यहां से समाज कार्य में मास्टर डिग्री (Master’s Degree) करने वाले विद्यार्थी (students) देश-दुनिया में अपना नाम कर रहे हैं। अब एक बार फिर इंदौर स्कूल और सोशल वर्क में पढऩे वाले विद्यार्थियों की डिमांड देश की नामी कंपनियों में हो रही है। इस वर्ष 25 विद्यार्थियों के अभी तक प्लेसमेंट हो चुके हैं और प्लेसमेंट के लिए कंपनियों का आना अभी जारी है।
सन् 1951 में इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क ( आईएसएसडब्ल्यू) शुरू किया गया था। तब से लेकर अब तक हजारों विद्यार्थी यहां मास्टर ऑफ सोशल वर्क की डिग्री लेकर अपने भविष्य के नए पायदान पर पहुंचे। प्रिंसिपल डॉ. सीपी मैथ्यू ने बताया कि इस वर्ष 2024 में बैच पढ़ाई पूरी हो रही है। इसमें 51 विद्यार्थियों ने एमएसडब्ल्यू किया है, जिनमें से आधे विद्यार्थियों का प्लेसमेंट हो चुका है। इन विद्यार्थियों को ढाई लाख से 7 लाख रुपए तक के पैकेज ऑफर किए गए हैं।
केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा के विद्यार्थी कर रहे पढ़ाई
शिक्षा हब के नाम से मशहूर इंदौर शहर में देशभर से बच्चे अपना भविष्य संवारने और पढ़ाई के लिए आते हैं। इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क में केरल, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात और दक्षिण भारत के कई राज्यों के विद्यार्थी अध्ययन के लिए आते रहे हैं। वर्तमान में भी इन दर्जन राज्यों के विद्यार्थी यहां पर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। इन्हें सीएचएल हॉस्पिटल, सिप्ला प्राइवेट लिमिटेड, मेडलॉक लिमिटेड, अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, अंतरा फाउंडेशन, एजुकेट गर्ल, प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन, चलो मोबाइल एप्लीकेशन, डयूरो फ्लैक्स प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों ने 3 लाख से 7 लख रुपए तक पैकेज ऑफर किए हैं।
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