भोपाल। आईटी के छापे में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का आसामी निकला पीयूष गुप्ता शहर में पदस्थ रहे रसूखदार अधिकारियों का करीबी रहा है। उसने विगत वर्ष मई माह में प्रापर्टी विवाद के चलते एक बिल्डर की धुनाई की थी। इस मालमे में उसके खिलाफ थाना श्यामला हिल्स में एफआईआर दर्ज हुई थी। प्रकरण में उसका नाम आते ही एक अधिकारी ने भोपाल पुलिस के अन्य अधिकारियों को कॉल घन-घनाया। एफआईआर से पीयूष का नाम काटने के आदेश दिए गए। जिसके बाद में पीयूष ने जांच के लिए आवेदन दिया और जांच के बाद में उसका नाम काट दिया गया। हालांकि उसके तीन अन्य साथियों के खिलाफ पुलिस ने चालान पेश किया था।
जानकारी के अनुसार पॉलिटैक्निक के पास स्थित बेशकीमती जमीन पर लीला हाईट्स नाम की बिल्डिंग बनी है। जिस पर मनोज अग्रवाल नाम का व्यक्ति अपना मालिकाना हक जताते हैं। वहीं पीयूष गुप्ता व साथी इसी बिल्डिंग पर अपना हक जताते हैं और कुछ हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा भी कर रखा है। इसी बिल्डिंग के साइड में स्थित एक प्लॉट पर को लेकर भी दोनों पार्टियों में विवाद चल रहा है। इसी विवाद के चलते एक साल पहले प्यूष, महफूज,इरफान व एक अन्य ने मनोज अग्रवाल के साथ जमकर मारपीट की थी। बदले में मनोज व साथियों ने भी महफूज व अन्य को धुन दिया था। दोनों ओर से काउंटर केस दर्ज किया गया था। इस मामले में पीयूष का नाम आते ही उसने अपने पहनागार अधिकारी से पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को कॉल कराया। जिसके बाद में जांच के नाम पर पीयूष का नाम मारपीट के प्रकरण से काट दिया गया था। पुलिस सूत्रों की माने तो आईटी के छापे मार कार्रवाई के बाद में एक बार फिर यह मामला गर्मा गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पीयूष व साथियों की करतूतों का एक आवेदन दिया गया है। जिसके बाद में पीयूष के तमाम पुरानी शिकायतों की जांच शुरु की जा रही है। उसको संरक्षण देने वाले अधिकारियों की भी गुपचुप जांच कराई जाएगी।
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