गांधीनगर। दुनियाभर में आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद निर्यात के मोर्चे पर भारत का सेवा क्षेत्र काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में देश से सेवाओं का निर्यात करीब 20 फीसदी बढ़कर 300 अरब डॉलर के लक्ष्य के पार पहुंच जाएगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि वस्तु निर्यात क्षेत्र भी स्वस्थ वृद्धि दर्ज कर रहा है। वैश्विक मंदी की आशंका, महंगाई के दबाव और जिंसों की ऊंची कीमतों के बावजूद वस्तुओं का निर्यात अब तक अच्छा रहा है।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2022-23 के पहले नौ महीने यानी अप्रैल-दिसंबर अवधि में 235.81 अरब डॉलर के सेवाओं का निर्यात किया गया। 2021-22 की समान अवधि में यह आंकड़ा 184.65 अरब डॉलर रहा था। हालांकि, दिसंबर, 2022 में देश का निर्यात 12.2 फीसदी घटकर 34.48 अरब डॉलर रह गया। इस दौरान व्यापार घाटा बढ़कर 23.76 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
पीएलआई इसलिए लोकप्रिय : हमारा प्रयास भारत के विनिर्माण आधार को और अधिक विकसित करना है। यही वजह है कि उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना इतनी सफल और लोकप्रिय है। – पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री
दिखने लगे हैं सुधारों के नतीजे
गोयल ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रतिकूल हालात और दुनिया के हर हिस्से से दबाव की खबरों के बीच कुल मिलाकर यह बहुत ही संतोषजनक साल होगा। सरकार के संरचनात्मक सुधारों, मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं।
अचानक कोई फैसला नहीं लेता भारत : क्या सरकार गैर-जरूरी सामानों के आयात में कटौती के लिए कुछ उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ा सकती है, इसके जबाव में वाणिज्य मंत्री ने कहा, भारत अचानक कोई निर्णय नहीं लेता है। वह लंबे समय में स्थिर और अनुमानित नीतियों में विश्वास करता है।
अप्रैल-दिसंबर में निर्यात 9% बढ़ा : 2022-23 के पहले नौ महीने में कुल निर्यात 9% बढ़ा है। इस दौरान 332.76 अरब डॉलर का निर्यात हुआ। आयात 24.96% वृद्धि के साथ 551.7 अरब डॉलर पहुंच गया। वहीं, व्यापार घाटा बढ़कर 218.94 अरब डॉलर पहुंच गया, जो 2021-22 की समान अवधि में 136.45 अरब डॉलर था।
भारत-ब्रिटेन एफटीए में दोनों के हितों पर ध्यान
गोयल ने कहा, भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के लिए बातचीत में इस पर ध्यान दिया गया है कि दोनों देशों को क्या स्वीकार्य है। यह भी देखा जा रहा है कि संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा बाधित न हो। छात्र वीजा कभी भी एफटीए का हिस्सा नहीं होते हैं।
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