पितृ पक्ष 20 सितम्बर (pitru paksha) से प्रारंभ हो रहा है और यह 15 दिन तक चलेगा। आचार्य पंडित कृष्णकांत त्रिपाठी (Acharya Pandit Krishnakant Tripathi) ने बताया कि पितृ पक्ष (pitru paksha) सोमवार से आरम्भ हो रहा है। यह समय पित्तरों को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही यह समय पितृ दोष से शांति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यदि आप भी पितृ दोष से पीड़ित हैं और इससे मुक्ति चाहते हैं तो आपको पितृ पक्ष ((pitru paksha)) में कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए।
पितृ पक्ष में पित्तरों का श्राद्ध और उनका तर्पण किया जाता है। जिससे वह हमेशा हम सभी पर अपनी कृपा बनाएं रखें, लेकिन क्या आप जानते हैं यह समय पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी विशेष माना जाता है। यदि आप भी पितृ दोष से पीड़ित हैं और इस दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे सरल उपाय बताएंगे। जिसे यदि आप पितृ पक्ष में करते हैं तो आप इस दोष से हमेशा के लिए मुक्त हो जाएंगे।
पितृ दोष से शांति के उपाय
पितृ पक्ष में रोज पित्तरों के निमित जल, जौं और काले तिल और पुष्प के साथ पित्तरों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है। श्राद्ध पक्ष में अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि पर किसी ब्राह्मण को अपने पूर्वजों की पसंद का भोजन अवश्य कराएं। ऐसा करने से भी पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.! पितृ पक्ष में अपने पित्तरों के नाम से श्रीमद भागवत कथा, भागवत गीता, गरूड़ पुराण, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध, महामृत्युंजय मंत्र का जाप ओर पितर दोष की शांति कराने से भी पित्तरों को शांति प्राप्त होती है.! श्राद्ध पक्ष में गया जी जाकर अपने पित्तरों का श्राद्ध अवश्य करें। ऐसा करने से भी आपके पितृ शांत होते हैं और आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। यदि आपको अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि नहीं पता है तो आप सर्व पितृ अमावस्या पर उनका श्राद्ध कर सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको पितृ दोष से मु्क्ति मिलती है।
दान करना चाहिए
आपको सर्व पितृ अमावस्या और हर अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए और योग्य ब्राह्मण से अपने पित्तरों का श्राद्ध कराना चाहिए और 13 ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए पितृ पक्ष में आपको कौवों को भोजन अवश्य कराना चाहिए, क्योंकि माना जाता है कि इस समय में हमारे पितृ कौवों का रूप धारण करके धरती पर उपस्थित रहते हैं।
पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां-
पूर्णिमा श्राद्ध – 20 सितंबर 2021
प्रतिपदा श्राद्ध – 21 सितंबर 2021
द्वितीया श्राद्ध – 22 सितंबर 2021
तृतीया श्राद्ध – 23 सितंबर 2021
चतुर्थी श्राद्ध – 24 सितंबर 2021,
पंचमी श्राद्ध – 25 सितंबर 2021
षष्ठी श्राद्ध – 27 सितंबर 2021
सप्तमी श्राद्ध – 28 सितंबर 2021
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर 2021
नवमी श्राद्ध – 30 सितंबर 2021
दशमी श्राद्ध – 1 अक्तूबर 2021
एकादशी श्राद्ध – 2 अक्तूबर 2021
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्तूबर 2021
त्रयोदशी श्राद्ध – 4 अक्तूबर 2021
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्तूबर 2021
अमावस्या श्राद्ध- 6 अक्तूबर 2021
गाय की सेवा अवश्य करें
आपको पितृ पक्ष में गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए। आपको गाय को भोजन कराना चाहिए और किसी गऊशाला में भी दान अवश्य देना चाहिए और पितर पक्ष में पंचबलि चींटी, कुत्ता, गाय, देवादि ओर कौआ यह अबश्य देनी चाहिए। अगर पितृ दोष से पूरी या आंशिक रूप से मुक्ति चाहते हैं तो इस (श्राद्ध)पक्ष में किसी योग्य आचार्य से श्रीमद्भागवत महापुराण के सभी श्लोकों का पाठ सहित अमावस्या पर पितृ तर्पण व हवन अपने नाम के संकल्प से कराएं।
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