इंदौर। इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट के तहत पीथमपुर की आधी-अधूरी सुरंग ने प्रोजेक्ट की बैंड बजा दी है। दो साल से ज्यादा समय से काम ठप है। हद तो अब हो रही है, जब ठेका देने के लगभग तीन महीने बीतने के बावजूद अब तक कोई मैदानी काम शुरू नहीं किया गया है। तीन किलोमीटर लंबी यह सुरंग वर्तमान टीही और प्रस्तावित पीथमपुर स्टेशन के बीच बनना है। कोरोना के दौरान रेलवे बोर्ड ने सुरंग समेत इंदौर-दाहोद रेल लाइन के लिए हो रहे सभी कार्यों पर रोक लगा दी थी। दिसंबर-21 में सभी बंद काम फिर शुरू करने के आदेश दिए गए थे।
उसके बाद यह सुरंग टेंडर प्रक्रियाओं में उलझती गई और एजेंसी नहीं मिल पाई। 2022 के अंत में जैसे-तैसे एक कंपनी मिली, जिसने काम तो ले लिया, लेकिन अब तक किया कुछ नहीं। इंदौर और धार के लिहाज से यह सुरंग का जल्द से जल्द बनना बहुत जरूरी है, क्योंकि तभी दोनों शहरों के बीच रेल संपर्क जुड़ सकेगा। दोनों शहरों के बीच पीथमपुर जैसा महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र भी है और उसे भी सुरंग नहीं बनने से रेल सुविधा नसीब नहीं हो पा रही है। रेल अफसर टीही से गुणावद होते हुए धार के बीच रेल लाइन के लिए अर्थवर्क और पुल-पुलियाओं जैसे काम शुरू होने की बात जरूर कर रहे हैं, लेकिन जब तक सुरंग नहीं बनेगी, इन कार्यों का कोई मतलब नहीं है।
इसी महीने काम शुरू करने की तैयारी है
पश्चिम रेलवे इंदौर के जनसंपर्क अधिकारी खेमराज मीना ने निर्माण विभाग के हवाले से बताया कि सुरंग के टेंडर हो चुके हैं और कंपनी को ठेका दिया जा चुका है। कंपनी को मोबिलाइजेशन के लिए समय दिया गया है, जिसमें उसे मशीनरी आदि का इंतजाम करना है। सुरंग बनाने की मशीनें काफी बड़ी होती हैं, इसलिए थोड़ा समय ज्यादा लग रहा है। मार्च में काम शुरू हो जाएगा।
कम से कम डेढ़ साल और लग सकता है जानबूझकर जोड़ी गई थी सुरंग
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