जबलपुर। गोराबाजार थाना क्षेत्रातंर्गत बिलहरी क्षेत्र में स्थित पिंक सिटी में मध्यरात्रि ढाई बजे शॉट सर्किट से हुए भीषण अग्निहादसे में डब्ल्यूसीआर के प्रोटोकाल इंस्पेक्टर आदित्य सोनी की पत्नि 32 वर्षीय नेहा सोनी, भोपाल से आई उनकी बहन 39 वर्षीय रितु सोनी व भांजी 7 वर्षीय परी उर्फ धनविस्टा की आग व दम घुटने से मौत हो गई। वहीं आदित्य सोनी और उनकी वृद्ध मॉ को कालोनी के गॉर्ड व वहां के निवासियों ने कड़ी मशक्कर कर बाहर निकाल लिया, जिससे वह सुरक्षित है। हादसे की खबर के बाद तत्काल ही नगर निगम का दमकल विभाग मौके पर पहुंचा और आग पर नियंत्रण पाया, वहीं सूचना पर विधायक व पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
प्राप्त जानकारी अनुसार प्रोटोकाल इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ आदित्य सोनी का पिंक सिटी गेट नंबर-3 के अंदर बीच कालोनी में मकान बना हुआ है। बीती रात आदित्य अपने घर पर ही थे। उनकी वृद्ध मॉ 70 वर्षीय अरुणबाला सोनी गंभीर बीमारी से ग्रसित है, जो कि मकान के भूतल हिस्से में किचिन के पास बने मकान पर सो रहीं थी। वहीं आदित्य, उनकी पत्नि नेहा, भोपाल निवासी बहन रितु व भांजी परी मकान के प्रथम तल पर बने कमरों पर सो रहे थे। रात्रि ढाई बजे के लगभग जब पूरी कालोनी में सन्नाटा पसरा हुआ था, उसी वक्त शॉट सर्किंट से मकान में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। जिससे पूरे बिजली के तार व उपकरण जलकर नष्ट होने लगे, तेज आवाज बिजली की चमक से परिजन घबरा गये और यहां वहां छटपटाने लगे। उक्त हादसे से पूरे घर पर अंधेरा छा गया और मकान पर धुआं ही धुआं भर गया।
सीढ़ी से आदित्य को नीचे उतारा, अंदर मिले तीन शव
इसके बाद बालकनी में चीख पुकार मचा रहे आदित्य सोनी को मौके पर पहुंचे दमकल विभाग की सीढ़ी से नीचे उतारा गया और ननि के दमकल विभाग ने आग पर काबू पाया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। उक्त अग्नि हादसे के कारण मकान की दीवारें पूरी तरह गरम हो चुकी थी और अंदर बिजली के उपकरण जलने से तेज गंध आ रहीं थी, जहां पर धुआं ही धुआं भरा हुआ था। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल के कर्मी व पुलिस अंदर पहुंची। जहां पर एक कमरे के पलंग पर आदित्य की भोपाल निवासी बहन 39 वर्षीय रितु सोनी व भांजी सात वर्षीय परी के शव पड़े हुए थे। वहीं आदित्य की पत्नि का शव बाथरूम में पड़ा हुआ था, जो कि धुएं व आग से बचने बाथरूम में जा छिपी थी, लेकिन उनकी भी मौत हो गई।
10 दिन पहले ही आई थी बहन और भांजी
बताया जा रहा है कि आदित्य सोनी के पिंक सिटी स्थित मकान पर उनकी भोपाल निवासी बहन रितु सोनी 10 दिन पूर्व ही अपनी सात वर्षीय बेटी परी के साथ जबलपुर आई थी, जो कि उक्त हादसे का शिकार हो गई। वहीं हादसे के बाद आदित्य सोनी के परिचित व नजदीकी रिश्तेदार भी मौके पर पहुंच गये है। वहीं भोपाल से उनके जीजा व अन्य परिजन भी अल सुबह ही जबलपुर के लिये रवाना हो गये है।
विधायक व आला अधिकारी पहुंचे मौके पर
घटना की जानकारी लगते ही केंट विधायक अशोक रोहाणी, एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा, नगर निगम आयुक्त संदीप जीआर, एएसपी गोपाल खाण्डेल, केंट सीएसपी भावना मरावी, गोरखपुर सीएसपी आलोक शर्मा सहित गोराबाजार टीआई, सिविल लाईन, केंट व ग्वारीघाट थाने का बल व एफएसएल की डॉक्टर श्रीमती सुनीता तिवारी, नायब तहसीलदार नीरज तखरिया, नगर निगम फायर अधिकारी कुशाग्र ठाकुर तत्काल मौके पर पहुंचे। जिसके बाद आवश्यक कार्रवाई करते हुए शवों को पीएम के लिये मेडीकल अस्पताल पहुंचाया गया। वहीं भारी भीड़ देखकर मौके पर बल की तैनाती की गई।
हादसे की हो रही जांच
उक्त अग्नि हादसा शॉट सर्किंट से हुआ या अन्य किसी कारण से इस बात की जांच की जा रहीं है। गोराबाजार टीआई सहदेव साहू ने बताया कि देररात हुए हादसे में प्रथम दृष्टया मामला शॉट सर्किट का प्रतीत हो रहा है। क्योकि घर की बिजली के पूरे तार, इंवेटर, फ्रीज, कूलर सहित अन्य उपकरण सहित गृहस्थी की सामग्री जलकर नष्ट हो गई है।
मची चीख पुकार, पहुंचे लोग
मकान में छाए अंधरे के बीच भरे धुएं में दम घुटते लोगों की चीख पुकार सुन कालोनी का गॉर्ड पहुंचा, जिसने हो हल्ला कर अन्य लोगों को उठाया। जिसके बाद पड़ोसी पीयूष दुबे सहित अन्य लोग पहुंचे और रॉड व हथौड़ी से मकान के निचले हिस्से के दरवाजे को तोडऩे प्रयास कर आदित्य की वृद्ध मॉ अरुणबाला को ढांढस बंधाते हुए दरवाजे तक लेकर आये उसके बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। जिसके बाद उनकी मॉ अर्ध बेहोश हो गई। जिन्हें तत्काल ही उपचार के लिये एक निजी अस्पताल पहुंचाया गया। बताया जा रहा है कि हादसे के दौरान आदित्य सोनी बालकनी में पहुंचकर बचाओ बचाओ की आवाज लगा रहे थे। इसके बाद आस-पास के निवासी मौके पर पहुंचे और मकान के गेट को तोडऩे का प्रयास करने लगे कुछ लोग बाउंड्रीवाल कूदकर अंदर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद दरबाजा खोलकर उनकी वृद्ध मां को बाहर लेकर आए उसके बाद आदित्य को बचाने को कोशिश शुरू की गई और ननि दमकल की सीढिय़ों का उपयोग कर उन्हें सुरक्षित नीचे लाया गया। इस दौरान उनकी पत्नी,बहन, और भांजी अंदर ही फंसे रहे जिनकी आग और दम घुटने से मौत हो गई।ा
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