इंदौर। सदर बाजार की सडक़ एक अजूबा बन गई है। चार साल से वहां माथापच्ची चल रही है, लेकिन सडक़ का काम पूरा नहीं हो पा रहा है। अभी भी धर्मस्थल हटाए जाना है, फुटपाथ बनना है, लेकिन काम आधा अधूरा पड़ा है। सडक़ चौड़ी करने के बाद बिजली के खंभे बीच रोड पर आ गए हैं, जिनसे दुर्घटनाएं हो रही हैं। करीब 6 करोड़ की लागत से नगर निगम जनकार्य विभाग ने मरीमाता चौराहे से सडक़ निर्माण का कार्य शुरू किया था और इस सडक़ का हिस्सा इमली बाजार चौराहे तक बनना है। इसके लिए निगम ने कई दिनों तक ड्रेनेज और पानी की नई लाइनें बिछाने के लिए पूरे क्षेत्र का कबाड़ा कर दिया था। उस दौरान तो कई रहवासी ऐसे परेशान हुए हैं कि उन्होंने अन्य स्थानों पर जाकर किराये के मकान ले लिए थे।
जैसे-तैसे सडक़ का कुछ हिस्सा बनाया गया तो कुछ हिस्सों में नई लाइनों का हवाला देकर सडक़ धंसने की आशंका के चलते इंटरलाकिंग टाइल्स लगा दी। अब हालत यह है कि पूरी सडक़ पर आधे हिस्से सीमेंटेड सडक़ बनी है और आधे हिस्से में इंटरलाकिंग लगी है। दोनंो के बीच इतनी गेप है कि वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, वहीं कई घरों के आगे सडक़ का हिस्सा आधा अधूरा छोड़ दिया है। न तो वहां फुटपाथ बन रहा है और न ही सडक़ का काम पूरा हो पा रहा है। इन सबके बीच सबसे बड़ी परेशानी बिजली के खंभों को लेकर है, पूरे मार्ग पर कई जगह सडक़ चौड़ीकरण के बाद बिजली के खंभे सडक़े बीचोबीच में आ गए हैं और तेज गति से आने वाला वाहन चालक गफलत में बिजली के खंभों से जा टकरा रहा है। सडक़ के दोनों छोर के धर्मस्थलों के हिस्से भी हटाए जाना है, जिसको लेकर अब तक मामला अटका पड़ा है।
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