300 से ज्यादा जब्त और भंगार वाहन सडक़ किनारे पटके, एमटीएच अस्पताल जाने वालों की होती है फजीहत
इंदौर। शहर (Indore) के किसी भी इलाके में दुकानदार (Shopkeeper) या आम व्यक्ति सडक़ अथवा फुटपाथ पर कब्जा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई निगम (Corporation) द्वारा की जाती है, लेकिन जब पुलिस (Police) ही कब्जा करें तो फिर कौन क्या करें। सेंट्रल कोतवाली (Central Kotwali) पुलिस ने जब्ती और भंगार में पड़े 300 से ज्यादा छोटे बड़े वाहनों का अंबार सडक़ और फुटपाथ (footpath) पर लगा दिया है, जिसके कारण अस्पताल जाने वालों की फजीहत होती है।
शहर के कई थानों में जब्ती के वाहनों का ढेर इतना बढ़ता जा रहा है कि उन्हें थाने के बाहर अथवा कहीं भी पटक दिया जाता है। इसके कारण कई जगह सडक़ों की हालत खस्ताहाल हो जाती है और वहां सफाई भी नहीं हो पाती है। पिछले कई महीनों से सेंट्रल कोतवाली के सामने और आसपास की सडक़ों पर जब्ती के वाहनों का अंबार लगा पड़ा है। इनमें सर्वाधिक दो पहिया वाहन हैं, साथ ही कई बड़े वाहन भी सडक़ किनारे और फुटपाथ घेर कर पटक दिए गए हैं। 30 से 40 फीट सडक़ अब वाहनों के कारण गली बनकर रह गई है। एमटीएच अस्पताल में कई बार बड़े वाहनों से पेशेंट को लाया जाता है और इस दौरान वहां दिक्कतें आती हैं। यहीं स्थिति ट्रैफिक थाने के सामने भी है। वहां भी सडक़ किनारे ही जब्ती के वाहन पटक दिए गए है। महारानी रोड से एमटीएच को जाने वाले वाहन चालक भी सडक़ पर वाहनों के ढेर से परेशान होते हैं।
कई अन्य थानों के बाहर भी यही हाल
विजयनगर चौराहे को संवारने का काम पिछले दिनों निगम ने शुरू किया था, ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके, लेकिन विजयनगर थाने के बाहर ही जब्त और भंगार वाहनों का ढेर लगा हुआ है, जो धीरे-धीरे सडक़ तक पहुंचता जा रहा है। इसी प्रकार एमआईजी थाने के बाहर भी सडक़ पर ही वाहन पटक दिए गए है। जूनी इंदौर थाने में जगह की कमी के चलते जब्ती के वाहन कई अन्य स्थानों पर रख दिए गए हैं। शहर के कई थानों पर यही हाल है और वाहनों की नीलामी भी बरसों में कभी-कभार की जाती है।
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