इंदौर (Indore)। याचिकाकर्ता अमिताभ उपाध्याय एवं चिन्मय मिश्र द्वारा एक जनहित याचिका इंदौर शहर में हो रहे अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ दायर की गई है, जिसमें मध्य प्रदेश शासन, कलेक्टर इंदौर, नगर निगम आयुक्त इंदौर, पुलिस कमिश्नर इंदौर एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिसपोंडेंट बनाया है जिन्हे नोटिस जारी किए गए हैं.
याचिकाकर्ता का तर्क यह है कि इंदौर शहर में सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं अन्य कार्यक्रमों के नाम पर अनियंत्रित ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है जो कि व्यक्ति के जीवन जीने के अधिकार, शांति से जीवन जीने के अधिकार, अच्छी नींद के अधिकार, निजता तथा गरिमा के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है, साथ ही साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित कई आदेशों के उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है। साथ हा साथ ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण नियम तथा शासन के ही कई आदेशों की उल्लंघन की श्रेणी में भी आता है।
याचिका के द्वारा न्यायालय से यह सहायता मांगी गई है कि शासन एवं उसके विभिन्न अंगों को यह निर्देशित किया जाए कि ऐसे सभी लाउड स्पीकर जो कि नियम डेसिमल से अधिक की आवाज देते हों को तुरंत जप्त किया जाए और उन्हें बेचने तथा बनाने वालों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की जाए।
यह भी मांग है कि अगर किसी कार्यक्रम में रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच लाउड स्पीकर या डी. जे. का प्रयोग हो रहा है तो उसे भी कानून का उल्लंघन मान कर जप्त किया जाए एवं जिसके भी द्वारा वह लगाया गया हो उसपर कार्यवाही करें और जो भी आर्टिस्ट, डी. जे. या अन्य परफॉर्मर रात 10 से सुबह 6 के बीच कार्यक्रम कर ध्वनि प्रदूषण कर रहे हैं, उनपर भी कार्यवाही की जाए। याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सुश्रुत धर्माधिकारी एवं न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की युगल पीठ द्वारा नोटिस जारी कर शासन से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से मामले की पैरवी अधिवक्ता अभिनव धनोड़कर द्वारा की गई।
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