जबलपुर। बघराजी ग्राम व आस-पास के क्षेत्र में रोजाना अज्ञात बीमारी से सूअर की मौत हो रही है। बीते एक माह में ग्राम के लगभग दो सौ पालतू सूअर मर चुके हैं, जिन्हें आबादी क्षेत्र से दूर फेंक दिया गया। बावजूद इसके अब तक यह सामने नहीं आया है कि इनकी मौत होने की असली वजह क्या है?, शासन-प्रशासन की ओर से सूअर पालक वंशकार एवं चक्रवर्ती परिवार को किसी तरह का मुआवजा भी नहीं दिया गया है।ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम के वंशकार एवं चक्रवर्ती समाज के लोगों का मुख्य व्यवसाय सूअर पालन है। इसी व्यवसाय से दोनों समाज के परिवारों की रोजी-रोटी चलती है। करीब एक माह में सैक?ों सूअरों की मौत होने से सूअर पालक परिवार भुखमरी की कगार पर आ गए हैं सूअर पालकों ने वेटरनरी विभाग के डाक्टरों को जानवरों के बीमार होने की जानकारी दी, लेकिन अब तक वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं। सैक?ों सूअरों की मौत होने के बाद भी पालकों की मदद करने कोई आगे नहीं आया। वर्तमान में वंशकार व चक्रवर्ती समाज के इन परिवारों के सदस्यों का मुख्य व्यवसाय चौपट हो गया है, तो उनके पास कोई रोजगार, धंधा भी नहीं है। धीरे-धीरे इन दोनों समाज के परिवार भुखमरी की स्थिति में पहुंच रहे हैं। इसलिए खेल प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष राजेश सोनी ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि सूअर पालक वंशकार व चक्रवर्ती समाज के सदस्यों को हुई क्षति का आकलन कर मुआवजा दिया जाए। साथ ही शासन-प्रशासन सूअर पालकों को नई सूअर दिलाने, दोबारा व्यवसाय शुरू करने में मदद करे। अन्य ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से सूअर पालकों को मुआवजा देने की गुहार लगाई है। सूअर पालक सुरेश वंशकार, संजू वंशकार, मुकेश वंशकार, मनोज, कमलेश, गणेश ने बताया कि स्वस्थ सूअर पहले दिन भोजन करना और दूसरे दिन दुनिया छो? देते हैं। इस अजीब बीमारी की वजह अब तक समझ नहीं आ रही है। वेटरनरी अस्पताल में जानवर को लेकर जाने पर थो?ा-बहुत इलाज होता है। इसके बाद पशु चिकित्सा विभाग का कर्मचारी बोल देता है कि हम इलाज कर रहे हैं।
जानवर बचे या न बचे, यह तुम्हारी किस्मत
बघराजी के सूअर पालकों ने बताया कि एक माह में संजू वंशकार के 12 सूअर, संतोष वंशकार के सात, मुकेश वंशकार के पांच, मनोज वंशकार के चार, विनोद वंशकार के 10, कमलेश के पांच, मदन गोलू के सात, सुरेश के 15, किशन के 16, गणेश के तीन, मिथुन के पांच, मुकेश के सात, प्रमोद के पांच, लक्ष्मण चक्रवर्ती के पांच, राजकुमार के 20, राजन के छह, बिहारी के 40, सज्जन वंशकार के 10, दीपक वंशकार के सात, कन्नो सोनाबाई के छह, राजू के पांच, मुन्ना चक्रवर्ती के 12, गुड्डा चक्रवर्ती के 15, राकेश के 30, नरेश वंशकार के सात, मदन के 10, गुड्डा के 12, गोलू के सात, बच्चो कुमार के 10, अनिल वंशकार के 10, विश्राम चक्रवर्ती के छह, बी?ी वंशकार के सात, पुरुषोत्तम के छह, अजय के आठ, विजय के 20, राकेश सुरेश के 10, कपिल संतोष वंशकार के 10, भूरी बाई के 10 सूअर की मौत हो चुकी है। एक सूअर की कीमत आठ हजार रुपये है
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