उज्जैन। कोठी रोड स्थित विक्रम वाटिका परिसर में 2 करोड़ 26 लाख की लागत से लगभग 4 साल में मयूर वन तैयार किया गया। दावा किया गया था कि यहाँ राष्ट्रीय पक्षी मोरों के अनुकूल वातावतरण विकसित किया जाएगा और उन्हें यहाँ संरक्षण मिलेगा लेकिन मयूर वन में मोर तो नहीं सूअर घूमते दिखाई दे रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मयूर वन प्रोजेक्ट के तहत साल 2018 से इसके निर्माण का काम शुरु किया गया था। योजना के मुताबिक पार्क को मोर के अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराना तथा उसका संवर्धन करना था। इसके अलावा यहाँ मनोरंजन के लिए भूल भूलैया भी बनाई गई है लेकिन अभी भी बच्चों के मनोरंजन के लिए प्रस्तावित झूले, चकरी, फिसल पट्टी आदि तैयार नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा यहाँ मयूर वन में मोरों को निहारने के लिए 7 मंजिला 360 डिग्री आब्जर्वर टॉवर भी बनाया जाना था यह भी तैयार नहीं किया गया। वाटिका के तालाब को सुंदर तालाब में तब्दील कर दिया गया है लेकिन हालत यह है कि मयूर वन में सुरक्षा के अभाव के कारण यहाँ वहाँ सूअर घूमते दिखाई दे रहे हैं।
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